रोहतास: समीक्षा बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री ने डीपीओ और सभी पीओ का वेतन रोकने का दिया निर्देश

रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम स्थित समाहरणालय के संवाद कक्ष में सोमवार को राज्य के ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार द्वारा ग्रामीण विकास से जुड़े सभी संबंधित विभागों की समीक्षा बैठक की गई. बैठक में मनरेगा के समीक्षा के दौरान डीपीओ एवं पीओ के संतोषजनक उत्तर ना देने पर डीपीओ एवं पीओ के वेतन पर रोक लगाने का निर्देश डीडीसी को दिए.

बैठक में डीपीओ ने बताया कि में जिले में 5,04,825 जॉब कार्ड धारी है. जिले में कुल 464 व्यक्ति को अधिकतम 100 दिवस का रोजगार मिला है. इस पर मंत्री ने 100 दिवसों के रोजगार देने वाले प्रखंडों के पीओ तथा डीपीआ मनरेगो से पूछा कि क्या वे सभी 100 कार्य दिवस को कार्य करने वाले मज़दूरों की पहचान कर लेंगे तथा क्या सभी मज़दूरों का भुगतान आधार सीडिंग एवं आधार सत्यापन से किया जाता है. इस पर संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर भड़के मंत्री ने डीपीओ, मनरेगा सहित सभी पीओ का वेतन रोकने का निर्देश डीडीसी को दिया.

मंत्री ने निर्देश दिया कि जबतक सभी मनरेगा श्रमिकों का भुगतान आधार सीडिंग तथा आधार सत्यापन कर नहीं किया जाता है, तब तक उपरोक्त सभी का वेतन स्थगित रहेगा. मनरेगा के पीओ द्वारा जानकारी दी गई कि मनरेगा की सम्प्रति लगभग 93 हज़ार योजनाओं में 70 हज़ार से अधिक पूर्ण कर ली गई हैं. मंत्री ने मनरेगा से पीसीसी ढलाई योजना की जानकारी ली तथा डीपीओ को सख्त निर्देश दिया कि योजनाओं का दुहराव किसी भी स्थिति में नहीं होना चाहिए.

बैठक में बताया गया कि लोहिया स्वच्छ भारत अभियान के तहत जिले में 3,09,958 शौचालय निर्माण के लक्ष्य को पूर्ण कर लिया गया है, जिसमें से 2.11 लाख का भुगतान भी कर दिया गया है. वहीं सामुदायिक स्वच्छता अभियान के अंतर्गत कुल 410 सामुदायिक शौचालय में से 407 को पूर्ण कर लिया गया है. जिला समन्वयक को पूर्ण हो चुके शौचालयों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने एवं शत प्रतिशत निर्मित शौचालयों का जिला स्तर से सत्यापन कराने का निर्देश मंत्री ने डीडीसी को दिया. जिले में 83 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण होना है, जिनमें से 62 का कार्य चालू है तथा 21 को पूर्ण कर लिया गया है. इस बाबत कार्यपालक तथा सहायक अभियंता मनरेगा को निर्देश दिया कि प्रत्येक निर्माण साइट को अभियंता द्वारा अचूक रूप से विजिट कर कार्यों का पर्यवेक्षण करें.

जिले में पौधारोपण के 5.88 लाख के लक्ष्य के विरुद्ध 4.87 लाख पौधारोपण कर दिया गया है. उनमें जीवित पौधों का प्रतिशत 82 है. वन पोषक के माध्यम से लगाए गए पौधों की उत्तरजीविता बनाए रखने का निर्देश दिया. जल-जीवन-हरियाली, अमृत सरोवर योजना, सोखता निर्माण आदि की भी विस्तृत समीक्षा की गई. इस दौरान अमृत सरोवर योजना के तहत 75 सरोवर मनरेगा से बनाए जाने जानकारी मंत्री को दी गई. साथ ही जिले में 251 चेकडैम व नौ पौधशाला संचालित किए जा रहे हैं. 121 घरों में सौर ऊर्जा का उपयोग किया जा रहा है. जीविका के 24,563 स्वयं सहायता समूह हैं. इनमें 23,135 का फ‌र्स्ट लिकेज, 13,060 का सेकंड लिकेज तथा 3,664 का थर्ड लिकेज किया गया है.

मंत्री ने कहा कि जिले का कोई एक स्पैफिक ब्रांड तैयार होना चाहिए, जिसकी राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर मार्केटिग की जा सके. इस दौरान मंत्री को इन्नोवेटि मेजर्स के तहत अटेंडेंस आफ डीआरडीए का डेमो का डेमो मंत्री को दिखाया गया और जानकारी दी कि किस प्रकार जिलाधिकारी ने जिला समाहरणालय में और फिर पूरे जिले में इस एप्प के क्रमिक उपयोग को इम्पलीमेंट करने वाले है. जिसकी मंत्री महोदय ने सराहना की. बैठक में जिलास्तरीय पदाधिकारियों के साथ-साथ जीविका, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, नगर कार्यपालक पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता विद्युत, भवन निर्माण, मनरेगा आदि मौजूद थे.

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