बिक्रमगंज: रिश्वत लेते हुए चकबंदी पदाधिकारी समेत दो गिरफ्तार, निगरानी टीम ने रंगे हाथ पकड़ा; वेतन भुगतान की अंतर राशि भुगतान के लिए मांगा था रिश्वत

रोहतास जिले के बिक्रमगंज के पुरानी अंचल कार्यालय परिसर स्थित चकबंदी कार्यालय में गुरूवार को निगरानी की टीम ने रंगे हाथ 10 हजार रिश्वत लेते चकबंदी पदाधिकारी एवं एक दलाल को गिरफ्तार कर लिया. निगरानी विभाग की टीम ने गिरफ्तार चकबंदी पदाधिकारी सुशील कुमार और दावथ निवासी दलाल अजीत कुमार को अपने साथ पटना लेकर चले गये. बताया जा रहा है कि चकबंदी पदाधिकारी काम के एवज में रिश्वत ले रहे थे, लेकिन इसकी शिकायत पहले ही निगरानी के पास पहुंच चुकी थी. निगरानी की टीम ने जाल बिछाया और गुरूवार को चकबंदी पदाधिकारी सुशील कुमार और दलाल अजीत कुमार उसमें फंस गए और निगरानी की टीम ने 10 हजार लेते रंगेहाथ दबोच लिया.

सुशील कुमार दावथ के चकबंदी पदाधिकारी हैं और बिक्रमगंज के प्रभार में भी है. दूसरा गिरफ्तार व्यक्ति अजीत कुमार बताया जाता है, जिसके मकान में दावथ का चकबंदी कार्यालय चलता है. बताते हैं कि अजीत कुमार चकबंदी कार्यालय में दलाल के रूप में सक्रिय था. निगरानी टीम सादे वेश में पहुंची और सीधे चकबंदी अधिकारी और उसके सहायक को अपने गिरफ्त में ले लिया. निगरानी के अधिकारियों के नहीं पहचानने के कारण वहां दोनों के बीच झड़प भी हुई. लेकिन असलियत सामने आने पर चकबंदी अधिकारी ठंडे पड़ गए. इसके बाद निगरानी दोनों को अपनी गाड़ी में बैठाकर साथ ले गई है.

निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि चकबंदी पदाधिकारी दावथ सह प्रभारी चकबंदी कार्यालय बिक्रमगंज सुशील कुमार एवं दावथ अजीत कुमार को 10 हजार रूपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है. मामले में चकबंदी कार्यालय दावथ के निम्नवर्गीय लिपिक ने बीते 10 मार्च को निगरानी में शिकायत दर्ज कराया गया था. आरोपी चकबंदी पदाधिकारी सुशील कुमार द्वारा जुलाई 2017 से फरवरी 2022 तक का वार्षिक वेतन वृद्धि का अंतर राशि 52 हजार 884 रूपये का भुगतान करने के लिए 12 हजार रिश्वत की मांग की गई थी. मामले के सत्यापन के बाद निगरानी ने दोनों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है.

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