रोहतासगढ़ किला पर संस्कृति के रक्षा के लिए वनवासी युवाओं ने लगाई दौड़

रोहतास जिले के कैमूर पहाड़ी पर अवस्थित ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व से समृद्ध रोहतासगढ़ किला पर कला संस्कृति और युवा विभाग व जिला प्रशासन द्वारा राजकीय वनवासी कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया. जिसका उद्घाटन जिला पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने किया. महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम के अवसर पर रोहतासगढ़ किले के चौरासन मंदिर से रोहतासगढ़ किले के मुख्य द्वार तक बालक एवं बालिका वर्ग में संस्कृति रक्षा दौड़ का आयोजन किया गया. साथ ही चित्रकला एवं अन्य खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई.

संस्कृति रक्षा दौड़ में सर्वप्रथम वनवासियों युवक की दौड़ हुई, जिसकी दूरी करीब साढ़े तीन किलोमीटर थी. जिसमें रोहतासगढ़ के रामानंद कुमार ने पहला, उदय कुमार ने दूसरा तथा पंकज उरांव को तीसरा स्थान प्राप्त किया. युवाओं के दूसरे बैच में मुन्ना कुमार ने पहला, गोलू कुमार ने दूसरा व रंजन यादव ने तीसरा स्थान प्राप्त किया. वही वनवासी युवतियों ने 500 मीटर की दूरी में भाग लिया. जिसमें रोहतासगढ़ की पुनीता कुमारी ने पहला, संगीता कुमारी ने दूसरा व ललिता कुमारी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया. दौड़ में सूरत शत्रुघन कुमार पासवान पैलेट का कार्य किया.

उक्त दौड़ में पहला स्थान प्राप्त करने वाले को पांच हजार, दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले को दो हजार तथा तीसरा स्थान को एक हजार की प्रोत्साहन राशि डीएम धर्मेंद्र कुमार, डीएफओ प्रद्युमन गौरव व एसडीएम समीर सौरभ के हाथों प्रदान की गई. 10 लोगों को सांत्वना पुरस्कार भी दिया गया. इसके अलावा कैमूर पहाड़ी पर बसे गांवों में मैट्रिक व इंटर में अधिक अंक प्राप्त करने वाले संजीत कुमार, अशोक सिंह, नीलम बखला, संगीता, राधा, चांदनी व सुमन को पुरस्कृत किया गया. वही महोत्सव स्थल पर कैमूर पहाड़ी पर होने वाले औषधीय फल (आंवला, हरे, बहेरा, चिरौंजी), कुडुख भाषा पुस्तक, चित्र प्रदर्शनी व मेडिकल जांच का स्टॉल भी लगाया गया था.

मौके पर वनवासी कल्याण आश्रम के जिलाध्यक्ष गाेविंद नारायण सिंह के अलावा अनुमंडल क्षेत्र के प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल पदाधिकारी सहित काफी संख्या में प्रबुद्ध नागरिक व आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे. विदित हो कि रोहतासगढ़ किला पर 2007 से हर वर्ष माघ पूर्णिमा के दिन अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा रोहतासगढ़ तीर्थ यात्रा महोत्सव का आयोजन किया जाता रहा है. लेकिन वनवासी कल्याण आश्रम व जिला प्रशासन के प्रयास से इस वर्ष यह महोत्सव पहली बार राज्य सरकार व जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किया गया है.

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