कोरोना महामारी के समतल होते ग्राफ के बीच शक्तिस्वरूपा देवी की आराधना का काल ‘नवरात्रि’ गुरुवार को हवन के साथ संपन्न हो गया. सालभर के अंतराल के बाद यह उत्सवी माहौल आया तो गुजरे दिनों को भूल लोग बेखौफ होकर निकले. दुर्गा पंडालों में दर्शन पूजन को लेकर भक्तों श्रद्धालुओं का आस्था का जन सैलाब उमड़ पड़ा है. चारों तरफ देवी जयकारे से वातावरण गुंजायमान हो उठा है. लेकिन पूजा पंडालों ने उन दिनों की यादें ताजा कर दीं. जान तक गंवाकर कोरोना को काबू में करने वाले डॉक्टरों को देवी मां की प्रतिमूर्ति माना. राक्षसी महामारी के कारण क्वारेंटाइन की यादें ताजा कीं. वैक्सिनेशन के महत्व को दर्शाया. कुल मिलाकर संदेश साफ है… भूलें नहीं, याद करें. महामारी से जुड़ी हिदायतों को, दुर्दिन की दास्तानों को. हमारी जान बचाने में अपनी जान कुर्बान करने वाले डॉक्टरों को.
महामारी के दौरान देश में सर्वाधिक मौतें हमारे डॉक्टरों की हुईं, फिर भी ऊफ किए बगैर वे मोर्चे पर डटे रहे. बच्चों से दूर रहे. हम सुरक्षित रहें यह सुनिश्चित करने के लिए पुलिस के जवान दिन-रात सड़कों पर डटे रहे. सबको सिर्फ एक ही भरोसा था-माता रानी की कृपा से बेड़ा पार हो जाएगा. दुर्दिन के बाद सुदिन आएगा. जिसका झलक दुर्गापूजा में पंडालों में दिख रहा है. सासाराम के शेरगंज मुहल्ले में एक पंडाल में कोरोना को लेकर बनाई गई प्रतिमाएं लोगों का ध्यान आकृष्ट कर रही थी, और लोगों को याद दिला रही थी, कि दो गज जरूरी, मास्क है जरूरी. यह पंडाल छात्र संघ शेरगंज द्वारा लगाया गया है. इसमें एक प्रतिमा में कोरोना बीमारी को राक्षसी के रूप में चित्रित किया गया है. उसके हाथ में एक पोस्टर भी है जिस पर लिखा हुआ है कि मैं अभी हूं, मैं कहीं गया नहीं हूं.
राक्षसी के बगल में एक महिला की प्रतिमा लगाई गई है, महिला ने चेहरे में मास्क लगा रखा है. उसके साथ ही एक पोस्टर भी लगा है, जिसपर लिखा है कि कोरोना अभी गया नहीं है. साथ ही मास्क की फोटो भी है, जिसके साथ लिखा है कि दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी. राजपुर के नोखा रोड में बने पूजा पंडाल में वैक्सीनेशन को लेकर झांकी लगाई गई है. इसमें दर्शाया गया है कि लोग पंक्तिवद्ध होकर वैक्सीन ले रहे है. यह पंडाल दुर्गापूजा समिति राजपुर द्वारा बनाया गया है. वही डेहरी के पाली रोड में बने पूजा पंडाल में फ्रंट लाइन वर्कर के कामों को चित्र के माध्यम से दर्शाया गया है. कमिटी के लोगों का कहना है कि प्रतिमाओं के द्वारा श्रद्धालुओं को याद दिलाने की कोशिश है कि मां का दर्शन करें, लेकिन कोरोना गाइडलाइन का पालन भी करें और वैक्सीन का डोज जरुर लें.