रोहतास में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के खतरे से लोग परेशान है. इस संक्रमण के कारण बाजार में खाद्य पदार्थो की कीमतों में बढ़ोतरी शुरू हो गई है. इस वजह से लोगों का घरेलू बजट असंतुलित हो गया है. कई वस्तुओं की कीमतों में 20 से लेकर 30 फीसद तक की बढ़ोतरी हो गई है. जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. कुछ थोक विक्रेताओं के साथ ही रिटेलर लगातार इस धंधे में लिप्त हैं. ऐसे डीएम धर्मेन्द्र कुमार ने टीम का गठन कर छापेमारी के आदेश दिए हैं.
कोरोना संक्रमण के आहट को भांपते हुए आमलोगों के जीवनोपयोगी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में थोक विक्रेताओं ने बिना किसी कारण के मनमाना कीमत बढ़ा दी है. सरसों तेल, रिफाइन, दाल, चावल, आटा, चीनी सहित कई अन्य वस्तुओं की कीमतें दुकानदार अपनी मनमर्जी से बढ़ा दी हैं. सरसों उत्पादन के इस समय में प्राय: खाद्य तेल की कीमत कम हो जाया करती थी. लेकिन कोरोना काल में देखते ही देखते सरसों तेल एवं रिफाइन की कीमतों में 35 से 40 रूपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी गई है. वहीं अरहर, मसूर, चना, मूंग,मटर की दाल में 20 रुपए प्रति किलो की बढ़ोतरी के अलावे चावल एवं आटा की कीमतों में भी उछाल देखा जा रहा है. साथ ही आलू-प्याज की कीमतें भी बढ़ने लगी है. शरीर में इम्युनिटी बनाए रखने के लिए फलों की मांग बाजार में बढ़ी है. ऐसे में फलों का दाम भी मनमाने तरीके से बढ़ा दिया गया है.
लोगों का कहना है कि कई दुकानदार डेढ़ गुना दाम पर सामान बेच रहे हैं. यदि कोई इसका विरोध करता है तो दुकानदार सामान देने से मना कर देता है. आमलोगों का कहना है कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में हो रहे अप्रत्याशित वृद्धि पर रोक लगाने के लिए प्रशासनिक पहल की आवश्यकता है. इस परिस्थिति में प्रशासनिक स्तर से जरूरतमंद सामान का दर निर्धारण किया जाना काफी आवश्यक है. साथ ही बड़े दुकानदारों का मोबाइल नंबर जारी कर होम डिलेवरी प्रणाली को अमल में लाने की आवश्यकता है. इससे जहां मूल्य का सही निर्धारण भी हो जाएगा. वहीं लोगों की परेशानी भी कम हो जाएगी. प्रशासनिक स्तर से इस कार्य में विलंब किया गया तो आने वाले दिनों में आमलोगों की परेशानी काफी बढ़ जाएगी.