रोहतास जिले के जमुहार गांव के रहने वाले सार्थक सिंह अपनी असाधारण प्रतिभा के बल पर हैदराबाद स्थित बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस से लेकर अंटार्कटिका तक का सफर तय किया है। उन्होंने विश्व के 80 एनवारमेंट स्टडीज के मेंबर के साथ इस यात्रा को पूरा किया। जिसका नेतृत्व नॉर्थ और साउथ पोल तक की यात्रा करने वाले विश्व के पहले व्यक्ति रॉबर्ट स्वान ने किया। इस 80 मेंबर की टीम में भारत की आेर से 15 मेंबर का सिलेक्शन इंटरव्यू और उनके द्वारा किए कामों के आधार पर किया गया था। अपनी हुनर की बदौलत जिले का लाल सार्थक भी उस 15 मेंबर टीम का हिस्सा बनने में सफल रहा।
सार्थक ने कहा कि साउथ पोल के पास बने अंटार्कटिका कॉन्टिनैंट की पहली बार यात्रा करने पर बहुत हीं अच्छा एक्सपीरियंस था। भारत की ओर से कुल 15 लोग गए थे। वहां हमने देश का राष्ट्रध्वज लहराया। सार्थक ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता विश्व के लिए अति महत्वपूर्ण है। मौसम में आ रहे बदलाव को हम अपनी जागरूकता के कारण कुछ देर रोक सकते हैं। उन्होंने बताया कि उनके चयन में आंध्र प्रदेश सरकार के युवा नेतृत्व कार्यक्रम क्वालिटी काउंसिल आॅफ इंडिया अंतर्गत प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ किए गए अच्छे कार्यों के कारण वरीयता दी गई है।
अभी सार्थक सिंह हैदराबाद स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस इंजीनियरिंग के लास्ट ईयर की पढ़ाई कर रहे हैं। वह इस संस्थान से सबसे कम उम्र में किसी महाद्वीप की यात्रा करने वाले स्टूडेंट का गौरव हासिल कर चुके हैं। सार्थक ने महाद्वीप में गल रहे ग्लेशियर के चलते समुद्रीय जल-तल के बढ़ने से पर्यावरण पर हो रहे बदलावों पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने दादा जी को दिया है। कहा कि दादाजी की बदौलत हीं उन्हें पर्यावरण के प्रति लगाव बढ़ा। सार्थक ने रोहतास जिलेवासियों से भी पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिए सहभागिता प्रदान करने की अपील की है।