वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव को ले रह स्तर पर काम किया जा रहा है. सावधानी व सतर्कता के साथ-साथ सहायता भी की जा रही है. कुछ ऐसा ही कार्य इन दिनों रेलवे की तरफ से किया जा रहा है. लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे लोगों को वापस लाने के लिए स्पेशल ट्रेनें चल रही है. रेलकर्मियों द्वारा हर तरह से सहयोग भी प्रवासी श्रमिकों को किया जा रहा है.
आरपीएफ की टीम ने शुक्रवार की सुबह श्रमिक स्पेशल ट्रेन से उतरी एक गर्भवती महिला की सहायता कर मानवता की मिसाल पेश की. जानकारी के अनुसार, महिला औरंगाबाद जिले की निवासी है. महिला के पति गजियाबाद के किसी निजी कंपनी में नौकरी करते हैं. यात्रा के दौरान गर्भवती महिला व उसका परिवार 36 घंटे से कुछ नहीं खाया था. ट्रेन के उसी बोगी में मौजूद एक युवती ने ट्वीट कर ये जानकारी दीन दयाल उपाध्याय मंडल के अधिकारियों को दी. जिसके बाद डीडीयू मंडल के वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त ने महिला के मोबाइल नंबर देते हुए सासाराम आरपीएफ पोस्ट को निर्देश दिया कि उस महिला से सम्पर्क कर उसकी सहायता की जाये. जिसके बाद आरपीएफ ने महिला के मोबाइल पर संपर्क कर उसे सासाराम स्टेशन पर सुरक्षित उतारा. उसकी स्थिति देखते हुए प्लेटफॉर्म पर ही मेडिकल टीम बुलाकर उसकी जाँच कराने के बाद महिला व उसके परिवार को खाना खिलाया. साथ ही महिला को दवा, पानी एवं फल दिए. जिसके बाद उक्त महिला को स्पेशल गाड़ी से औरंगाबाद जिले के क्वारंटाइन सेंटर भेजा गया.
आरपीएफ इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार रावत की मानें तो स्पेशल ट्रेन में बाहरी खाद्य पदार्थो के खाने पर रोक होने की वजह से महिला कुछ भी नहीं खाई थी. गजियाबाद जिला प्रशासन द्वारा जो भी भोजन का पॉकेट व पानी उपलब्ध कराया गया था, वह बीच रास्ते में खत्म हो गया था. जबकि ट्रेन 24 घंटे से भी अधिक देर से सासाराम पहुंची.