सासाराम में इंटरलॉकिंग कार्य: पटना-सासाराम समेत आठ जोड़ी ट्रेनें रद्द

पंडित दीन दयाल उपाध्याय रेल मंडल के महत्पवूर्ण स्टेशनों में शामिल सासाराम जंक्शन पर शनिवार से सॉलिड स्टेट इंटरलॉकिंग का कार्य शुरू हो गया. लगभग एक पखवाड़े तक चलने वाले कार्य में से अधिक कुशल एवं अकुशल कर्मचारी भाग ले रहे है. इस कार्य के दौरान सासाराम से गुजरने वाली 08 जोड़ी ट्रेनों का परिचालन 22 अगस्त से बाधित रहेगा.

17 अगस्त से 25 अगस्त तक सॉलिड स्टेट इंटरलॉकिंग का प्री एनआई वर्क होगा. जबकि एनआई वर्क 26 से 28 अगस्त तक चलेगा. टीआरडी ब्लाक 29 अगस्त से 3 सितंबर तक रहेगा. सासाराम में इस बहुप्रतीक्षित योजना के लिए रेल विभाग ने 500 से अधिक अकुशल तथा कुशल कर्मचारियों की फौज के साथ अत्याधुनिक तकनीक से लैस अनेकों मशीन भी सॉलिड स्टेट इंटरलॉकिंग के कार्य को पूर्ण करेंगे. तकरीबन 35 करोड़ रुपये के लागत से बनने वाली बहुप्रतीक्षित योजना सोलिट स्टेट इंटरलाॅकिंग कार्य की प्री एनआई की तैयारियों की समीक्षा के लिए अधिकारियों का दल शुक्रवार को सासाराम पहुंचा था.

सासाराम जंक्शन

सासाराम में होने वाले नन इंटरलॉकिंग कार्य के दौरान आरा-सासाराम व गया-डीडीयू रेलखंड पर चलने वाली ट्रेनों में से मात्र आठ जोड़ी यात्री ट्रेन का परिचालन प्रभावित होगा. इस संबंध में पूर्व-मध्य रेल हाजीपुर द्वारा अधिसूचना जारी की गई है. ट्रेनों के परिचालन बाधित होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा. नन इंटरलॉकिंग कार्य के चलते इन ट्रेनों का परिचालन बाधित रहेगा. जिसमें पटना-भभुआ वाया आरा इंटरसिटी व आरा-रांची साप्ताहिक ट्रेन के अलावा बरकाना-वाराणसी पैसेंजर, आरा-सासाराम डीएमयू, आरा-डीडीयू, आरा-सासाराम, पटना-सासाराम फास्ट पैसेंजर व आसनसोल-वाराणसी पैसेंजर शामिल है.

बरकाकाना-वाराणसी पैसेंजर- 22 से 29 अगस्त

आरा-डीडीयू पैसेंजर- 24 से तीन सितंबर

आरा-सासाराम पैसेंजर- 24 से तीन सितंबर

पटना-भभुआ वाया आरा इंटरसिटी – 24 से तीन सितंबर

पटना-भभुआ वाया गया इंटरसिटी- 25 से 28 अगस्त

आरा-रांची साप्ताहिक एक्सप्रेस- 24 से एक सितंबर

वाराणसी-आसनसोल पैसेंजर- 25 से 29 अगस्त

सासाराम स्टेशन

क्या है सॉलिड स्टेट इंटरलाॅकिंग: सौलिड स्टेट इंटरलाॅकिंग एक ऐसी तकनीक है जिसकी सहायता से कम खर्च और कम मानवबल से ही केवल एक माउस के सहारे बगैर केबिन ट्रेनों का संचालन किया जा सकता है. सॉलिड स्टेट इंटरलाॅकिंग रेलवे के सिग्नल आपरेटस से जुड़ा होता है. जिसके द्वारा ट्रेन के परिचालन के दौरान रेलवे ट्रैक के जंक्शन और क्रासिंग से त्वरित एरेजमेंट से ट्रेनों का परिचालन बिना किसी दुर्घटना के किया जाता है. सॉलिड स्टेट इंटरलाॅकिंग तकनीकी का विकास 1980 के दशक में ब्रिटेन में किया गया था. रेलवे स्टेशनों को सॉलिड स्टेट इंटरलाॅकिंग सिस्टम से जोड़ा जा रहा है.

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