सासाराम सदर अस्पताल के ट्रामा सेंटर में मोबाइल टॉर्च से इलाज मामले में हेल्थ प्रबंधक से शो-कॉज, डीएम द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम ने की जांच

सासाराम के सदर अस्पताल के ट्रामा सेंटर में शुक्रवार देर शाम गोली लगे मरीजों के इलाज के दौरान बिजली चली गई. इस बीच अफरा-तफरी में मोबाइल की लाइट में इलाज शुरू करना पड़ा. मामले का वीडियो सामने आने के बाद डीएम धर्मेन्द्र कुमार ने जांच दल का गठन किया है. इसके बाद अस्पताल में हड़कंप की स्थिति है.

डीएम ने बताया कि ट्रामा सेंटर में बिजली गुल होना गंभीर मामला है. डीएम ने सदर अस्पताल के ट्रामा सेंटर मामले में स्वास्थ प्रबधंक से स्पस्टीकरण मांगा है. साथ ही वेतन पर भी रोक लगा दिया गया है. जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि तीन सदस्यीय जांच टीम द्वारा जांच किया गया है. जांच टीम में वरीय उपसमाहर्ता रश्मि सिंह, एसीएमओ अशोक कुमार सिंह व विद्युत विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर प्रेम कुमार प्रवीण शामिल है. कहा कि रिपोर्ट आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

बता दें कि शुक्रवार देर शाम सासाराम शहर के गोला बाजार में दो पक्षों के बीच वर्चस्व में हुई फायरिंग के दौरान महिला राहगीर समेत घायल हुए चार लोगों को इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर लाया गया था. जहां इलाज के दौरान ही बिजली चली गई, जिसके बाद मोबाइल की रौशनी में इलाज शुरू किया गया.वीडियो में साफ देखा तजा सकता है कि चारों तरफ अंधेरा फैला हुआ है और मरीज के परिजन व कर्मी मोबाइल का टार्च जलाए हुए हैं और इलाज किया जा रहा है.

कहा जा रहा है कि जनरेटर में कुछ फॉल्ट था, जिसके कारण वह कुछ देर चलने के बाद ट्रिप कर जा रहा था, फिर से जनरेटर स्टार्ट करने में जो समय लगता था, उस दौरान मोबाइल का टार्च का इस्तेमाल किया गया. हालांकि कुछ मिनट बाद इसे सुधार लिया गया और लाइट आ गई. बताया जा रहा है कि सदर अस्पताल में पहले भी इस तरह की बात हो चुकी है. गंभीर मरीजों का इलाज मोबाइल के टार्च की सहायता से किया गया है. लेकिन इस बार डीएम के द्वारा जांच के आदेश के बाद लोग उम्मीद जता रहे हैं कि अस्पताल की व्यवस्था सुधरेगी और भविष्य में यह नौबत नहीं आएगी.

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