कानून की पढ़ाई में रोजगार की व्यापक संभावनाएं

एक समय था, जब सामान्य विद्यार्थियों में रोजगार के सभी अवसर समाप्त होने के पश्चात कानून की पढ़ाई करने की भावना जागृत होती थी. वहीं आज बदलते शैक्षणिक परिवेश में युवा इंटरमीडिएट पास करने के पूर्व से ही विधि शिक्षा के तरफ आकर्षित हो रहे हैं. जहां पूर्व में अधिवक्ता मात्र दीवानी, फौजदारी, राजस्व आदि के क्षेत्र में अपनी वकालत करते थे. आज उनके लिए बौद्धिक संपदा, साइबर कानून, कंपटीशन लॉ, मानवाधिकार, समझौता कानून समेत कई क्षेत्रों में वकालत के व्यवसाय के लिए नए अवसर प्राप्त हो रहे हैं. गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित नारायण स्कूल ऑफ़ लॉ के निदेशक डॉ. राकेश कुमार वर्मा ने शनिवार को यह बातें कही.

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उन्होंने कहा कि  विधि के अच्छे शिक्षण संस्थानों में मल्टीनेशनल कंपनियां इंजीनियरिंग कॉलेज की तरह कैंपस चयन के लिए आने लगी हैं और पांच वर्षीय पाठ्यक्रम के विधि स्नातकों को बड़ी संख्या में अपने कंपनियों में विधि सहायक विधि सलाहकार जैसे महत्वपूर्ण पदों पर अच्छी तनख्वाह देकर नियुक्ति कर रहे हैं. विधि स्नातक छात्रों के लिए उक्त कंपनियों में  बेहतर अवसर प्राप्त हो रहे हैं जिसे ध्यान में रखते हुए नारायण स्कूल ऑफ लॉ द्वारा भी कैंपस सेलेक्सन को लेकर तैयारियां की जा रही हैं. कई मल्टीनेशनल कम्पनी भी इसके लिए संस्थान के संपर्क में हैं. राज्यों में उच्च न्यायालयों के निर्देशानुसार प्रतिवर्ष जिला न्यायालय में न्यायिक मजिस्ट्रेट और अच्छी सेवा शर्तों पर नौकरियों की विज्ञप्ति निकल रही है. विधि स्नातक प्रति वर्ष इन पदों पर नियुक्त होते हैं.

इसी प्रकार कुछ वर्षों के वकालत के अनुभव के पश्चात उक्त न्यायिक पदों जैसे एडीजे के पदों पर भी सीधे नियुक्ति होती है. इस प्रकार अधिवक्ता को उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश बनने का अच्छा अवसर मिलता है. अधिवक्ताओं के एक बड़े वर्ग को विभिन्न प्रदेश तथा केंद्र की सरकारें अपने दीवानी और फौजदारी हितों की सुरक्षा के लिए सरकारी अधिवक्ता नियुक्त करती है. एपीपी और एपीओ जैसी सरकारी नौकरियों के विज्ञापन भी प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में प्रकाशित होती है. सरकारी नौकरी में जाने का अवसर मिलता है. श्रमिक न्यायालय में श्रम अधिकारी श्रम आयुक्त उपायुक्त होते हैं इन सभी पदों के लिए विधि स्नातक होना अनिवार्य है. जिसे ध्यान में रखते हुए गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय जमुहार में विधि की शिक्षा प्रारंभ की गई है.

नारायण स्कूल ऑफ लॉ के प्राचार्य डॉ अरुण कुमार सिंह बताते हैं कि देश के तमाम निगम जैसे जीवन बीमा निगम, यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया, बैंक और अन्य संस्थानों में विधि सहायकों की नियुक्ति भारी संख्या में हो रही है. राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा एडवोकेट जनरल जनरल जनरल जैसे महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियां होती है. जिससे सामाजिक प्रतिष्ठा और धनोपार्जन होता है.

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