रोहतास की सीमा बिहार वॉलीबॉल प्रतियोगिता में करेगी राज्य का प्रतिनिधित्व

‘किसी के अंदर जज्बा हो तो, वह कठिन से कठिन रास्तो को आसानी से तय कर आखिरकार मंजिल तक पहुँच ही जाता है.’ उक्त कथन को रोहतास जिला के नटवार गाँव निवासी मदन राम की पुत्री सीमा ने सिद्ध कर दी. अत्यंत गरीब व दलित परिवार में जन्मी सीमा बचपन से ही अभावो के बीच पली बढ़ी. परिवार के लोग अगर ना कमाए तो शाम का चूल्हा कैसे रोशन हो यह भी सोंचना पड़ता है. पर सीमा को कम उम्र से ही कुछ नया कर गुजरने का जज्बा कूट-कूट कर भरा हुआ था. थोड़ा बड़ा होने पर सीमा की रूचि खेल के प्रति बढ़ने लगा. इसके लिए वह आये दिन घर में डांट सुनती थी, पर वह उसकी परवाह किए वगैर खेल से जुडी रही. सीमा ने बताया कि उसके पास वॉलीबॉल के लिए नेट खरीदने का पैसा नहीं था तो, किसी तरह सहेलियों के साथ गेंद खरीदकर खंभे में एक रस्सी बांध कर उस पर खेलना शुरू की. बाद में सीमा बाल संस्कार शाला के संस्थापक संतोष कुमार की देखरेख में खेलना शुरू की. आज सीमा अपनी मेहनत की बदौलत बिहार बॉलीबाल बालिका टीम में जगह बना चुकी है. जो पांच फरवरी से तेरह फरवरी तक राजस्थान के झुन झुन में आयोजित राष्ट्रीय सब जूनियर वॉलीबॉल प्रतियोगिता में खेलेगी. इसकी जानकारी देते हुए बिहार बालीबॉल के सचिव रामाशीष प्रसाद सिंह ने बताया कि सभी खिलाड़ियों का चयन उनके योग्यता के आधार पर किया गया है.
वही बेटी की इस सफलता को ले न सिर्फ माँ बाप गौरवान्वित है बल्कि पुरे क्षेत्र में ख़ुशी का माहौल है. सीमा की इस सफलता से दूसरी बेटियो में भी खेल के प्रति रुझान बढ़ी है. सीमा अपनी सफलता के पीछे बाल संस्कार शाला के संस्थापक संतोष और परिवार को मानती है.
बाल संस्कार शाला के संतोष कुमार ने बताया कि उनका मुख्य उद्देश्य गाँव के युवाओ में संस्कार भरना तथा उनके अंदर छुपी प्रतिभा को निखारना है. जिससे कि युवा पीढ़ी राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिलब्ध हो सके.
रिपोर्ट- जयराम 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here