रोहतास के पहाड़ी किनारे बसे गांव में लगा डिवाइस, जंगली जानवरों के आते ही 25 मीटर दूर से ही बजेगा सायरन

रोहतास जिले के सिकरिया पंचायत में लगा डिवाइस

कैमूर पहाड़ी की गोद में बसे गांवों के खेतों में लगी फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए रोहतास वन विभाग खेतों में पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत अनाईडर डिवाइस लगा रही है. इसकी शुरुआत सर्वप्रथम सासाराम प्रखंड के सिकरिया पंचायत से हुई है. बाघों की गिनती में लगने वाले कैमरा ट्रैप तकनीक का उपयोग करते हुए आईआईटी दिल्ली की टीम द्वारा इस डिवाइस का अविष्कार किया गया है. थर्मल कैमरा, औटोमैटिक साउंड, लाइट और सेन्सर से सुसज्जित यह डिवाइस पूर्णतः सौर ऊर्जा से संचालित होती है. यह डिवाइस सिर्फ रात्री के समय ऐक्टिव होती है. डिवाइस को चार्ज करने के लिए खेतों में सोलर प्लेट व बैटरी भी लगाये गए है. इससे डिवाइस हमेशा चार्ज होते रहेगा.

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वन विभाग के इस कदम से खेतों में फसल चरने के लिए आने वाले जानवरों को यह प्रतीत होगा कि किसान खेतों की रखवाली कर रहे हैं. इस अनाईडर डिवाइस के 25 मीटर की परिधि में किसी भी जंतु के आते ही जोर जोर से आवाज और लाइट निकलता है, जिससे जानवर डर के भाग जाते है. इससे जानवरों से क्षति होने वाली सब्जियों की खेती बच जायेगी और किसान बेहतर उपज कर सकेंगे. पहाड़ी किनारे स्थित खेतों में बलुई मिट्टी पायी जाती है. ये खेत काफी ऊंचाई पर भी स्थित है. ऐसे में इनखेतों में पहाड़ी क्षेत्रों में बसे किसान बड़े पैमाने पर विभिन्न तरह की सब्जियों की खेती करते हैं, लेकिन इन खेतों में रात के समय में भारी मात्रा में जंगली जानवर उतरते हैं और खेत में लगी सब्जी की फसलों को बर्बाद करते हैं. कुछ खतरनाक जानवरों के आने की संभावनाओं को देख अपने खेतों की रखवाली कर रहे किसान भी चुपचाप देखते रहते हैं. इससे उन्हें काफी नुकसान सहना पड़ता है.

डीएफओ प्रद्युम्न गौरव ने बताया कि वन क्षेत्र किनारे बसे गांवों के खेतों में भारी मात्रा में सब्जी व अन्य फसलें उगायी जाती हैं, लेकिन जंगली जानवरों के कारण उनकी फसल की क्षति की लगातार मिल रही शिकायत पर विभाग ने फिलहाल सिकरिया पंचायत में 10 अनाईडर डिवाइस लगायी है. आने वाले समय में पायलट प्रोजेक्ट की सफलता को देखते हुए और वन सीमांत गांवों में भी डिवाइस लगायी जाएगी. उन्होंने कहा कि इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए उक्त क्षेत्र में सर्वे किया गया था कि डिवाइस लगाने से पहले कितना पैदावार हो रहा एवं आगे भी देखा जायेगा कि डिवाइस लगाने से खेतो में कितना पैदावार हुआ है.

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