आरा-सासाराम रेलखंड पर ट्रैक क्षतिग्रस्त मामला साजिश या लापरवाही, जांच कर रही क्राइम इंटेलिजेंस ब्रांच की टीम

आरा-सासाराम रेलखंड पर उदवंतनगर हाल्ट के समीप मंगलवार को अज्ञात शरारती तत्वों ने रेलवे ट्रैक पर कंक्रीट के स्लीपर व लोहे के पोल रख दिए थे. क्लिप को भी निकाल दिया. इस घटनाक्रम में रेललाइन को जोड़ने के लिए नीचे बिछे 56 कंक्रीट स्लीपर क्षतिग्रस्त पाई गई. रेललाइन टूट गई. रेललाइन को जोड़ने वाले दर्जनों पेंड्रोल 10-12 फीट दूर तक बिखर पाये गये. संयोग रहा कि पटना-भभुआ इंटरसिटी एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त होने से बच गई थी.

क्योंकि सुबह 6.27 बजे वाली पटना-आरा-भभुआ इंटरसिटी एक्सप्रेस गुजरने वाली थी. क्षतिग्रस्त रेललाइन को सबसे पहले सुबह 5.30 बजे रेलवे के की-मैन राजकुमार सिंह ने देखा, जब वे बीट ड्यूटी में थे. रेललाइन क्षतिग्रस्त देख वे मूर्छित हो गये. होश आने पर अपने इंचार्ज व सीनियर इंजार्च को सूचित कर ट्रेन रोकने का आग्रह किया था. यह घटना आतंकी करतूत या नक्सली घटना अथवा असामाजिक करतूत है, इसकी जांच हो रही है. आरा से लेकर सासाराम, उत्तर प्रदेश के पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल, हाजीपुर रेल जोन, दानापुर रेल मंडल से लेकर नई दिल्ली तक हड़कंप मचा है. मामले को गंभीरता से लेते हुए क्षेत्र के पीडब्ल्यूआई के बयान पर अज्ञात के खिलाफ उदवंतनगर थाने में प्राथमिकी कराई गई है. अज्ञात शरारती तत्वों के द्वारा रेलवे पटरी पर लोहे का टुकड़ा रखने की बात कही गई है.

हालांकि अब तक रेलवे और जांच एजेंसी किसी स्पष्ट नतीजे तक नहीं पहुंच सकी है. इस हादसे की जांच करने के लिए नई दिल्ली से सीआईबी के चार अधिकारी बुधवार को उदवंतनगर हॉल्ट पहुंचे. स्थानीय आरा जंक्शन के रेलवे प्रबंधन से आरा से गड़हनी के बीच कितने रेलवे फाटक हैं, उन पर कितने पर कितने गेटमैन तैनात हैं, समेत विभिन्न प्रकार का इनपुट इंटेलिजेंस ब्रांच की चार सदस्यीय टीम ने ली है. इसके बाद घटनास्थल के संबंध में पूरी जानकारी ली गई. रूट चार्ट तैयार करने के बाद इंटेलिजेंस ब्रांच की टीम ने स्टेशन प्रबंधन से उदवंतनगर हादसे के बाद कौन-कौन सी ट्रेन आरा जंक्शन पर रुकी थी, इसकी जानकारी ली. क्राइम इंटेलिजेंस ब्रांच की टीम मुख्य रूप से सभी गेटमैन से पहले ग्राउंड लेवल की रिपोर्ट लेने के साथ ड्यूटी पर कौन-कौन थे इसकी जानकारी लेकर जांच को आगे बढ़ाने में लगी हुई है.

जांच की जा रही है कि ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त कराने की साजिश के पीछे क्या मकसद था. अगर शाम 5ः30 बजे या रात में 9ः30 के पहले रेल लाइन टूटी थी, तो 2 यात्री ट्रेन के गुजरने के वक्त चालक व गार्ड को इसकी जानकारी क्यों नहीं हुई. रेल हादसे की जांच के लिए यह सब बहुत बड़े सवाल बने हुए हैं. हालांकि सूचना के अनुसार इस मामले में संबंधित ट्रेन चालक पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है. इस हादसे की सबसे पहली सूचना ड्यूटी के दौरान रेलकर्मी राजकुमार सिंह ने अपने वरीय अधिकारियों को देते हुए पटना आरा भभुआ इंटरसिटी एक्सप्रेस को रोकने को भी कहा था. घटना को देखते मूर्छित भी हो गए थे. लेकिन जांच के दौरान उदवंतनगर हॉल्ट पर ही एक अधिकारी ने राजकुमार सिंह को नोखा तबादले करने का मौखिक फरमान सुना दिया था.

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