रोहतास एवं कैमूर जिले के सीमा पर अवस्थित दुर्गावती जलाशय अपनी रमणीयता व प्राकृतिक सुंदरता को ले पूर्व से ही आकर्षण का केंद्र रहा है. खेतों में पटवन के साथ दुर्गावती जलाशय अब सैलानियों को भी आकर्षित कर रहा है. यहां ईको टूरिज्म को विकसित किया जा रहा है.पर्यटक यहां के प्रकृति की सुंदर वादियों, कलकल बहती नदी की धारा में पंक्षियों की चहचहाहट, चारों तरफ से हरे-भरे पेड़ व पहाड़ की चट्टानों पर चढ़ कर घूमना लोग काफी पसंद करते हैं.
दुर्गावती जलाशय के जल प्लावन क्षेत्र में नौका विहार व जंगल सफारी के साथ कैम्पिंग की व्यवस्था नए साल में पर्यटकों को उपलब्ध करा दी जाएगी. सैलानी दुर्गावती जलाशय में नौका विहार कर उसके विहंगम दृश्य से रोमांचित होंगे. शेरगढ़ किला के बाहरी हिस्से का नजारा भी अब सैलानी दुर्गावती जलाशय से वोटिंग के जरिये देख सकेंगे. वन विभाग द्वारा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कई योजनाओं को मूर्त रूप दिया जा रहा है. बोट से नौका विहार कर दुर्गावती जलाशय का प्राकृतिक सौंदर्य निहारने के लिए 50 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क देना होगा. रात में कैंप करने पर दो सौ रुपये प्रति रात की दर से चुकाना होगा. खाद्य पदार्थों का स्टॉल लगाने पर 500 रुपये प्रति माह शुल्क देना होगा.
कैमूर वन प्रमंडल पदाधिकारी विकास अहलावत ने बताया कि जनवरी 2021 में दुर्गावती जलाशय के पास सैलानियों के लिए कैंपिंग की व्यवस्था करा दी जाएगी. उसके बाद दुर्गावती जलाशय में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नौका विहार शुरू किया जाएगा.