सासाराम नगर निगम में शनिवार को हुए विरोध-प्रदर्शन व तालाबंदी की घटना के बाद विवाद और गहरा गया है. मामले में नगर आयुक्त एवं मेयर के साथ पार्षद आमने-सामने हो गए है. उधर, नगर आयुक्त यतेन्द्र कुमार पाल के निर्देश पर मेयर काजल कुमारी और उनके पति समेत चार पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. जबकि अन्य अज्ञात को भी आरोपित किया गया है. सरकारी काम में बाधा डालने को लेकर एफआईआर हुई है.
नगर थानाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि सरकारी काम में बाधा डालने को लेकर सासाराम नगर निगम की मेयर काजल कुमारी, उनके पति विकास सिंह समेत चार पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है. प्राथमिकी नगर निगम के कर्मचारी मनीष के द्वारा दर्ज कराई गई है.
विदित हो कि नगर निगम सासाराम कार्यालय परिसर सभागार में शनिवार को नगर निगम बोर्ड की सामान्य बैठक चल रही थी. इस बैठक में नगर आयुक्त द्वारा बोर्ड की बैठक की वीडियोग्राफी कराने पर आक्रोशित मेयर, उपमेयर व पार्षदों ने आयुक्त के खिलाफ जमकर हंगामा शुरु कर दिया. सासाराम नगर निगम के नगर आयुक्त यतेन्द्र कुमार पाल पर मनमानी का आरोप लगाते हुए वार्ड की बैठक का बहिष्कार कर दिया. बैठक में उपस्थित पार्षदों ने मेयर की इजाजत के बगैर सदन की विडियोग्राफी कराने पर आपत्ति जताकर मेयर के नेतृत्व में सदन का बहिष्कार करते हुए नगर आयुक्त के चेंबर में घुसकर विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया.
बाद में हंगामा करते हुए नगर आयुक्त के कार्यालय में बाहर से ताला जड़ दिया. चेयरमैन के नेतृत्व में वार्ड पार्षदों ने नगर आयुक्त के चेंबर में बाहर से ताला लगा कर नारे भी लगाए. नगर आयुक्त द्वारा अपने चेंबर के बाहर से तालाबंदी किए जाने की सूचना तत्काल प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई. जहां मौके पर सबसे पहले पहुंचे अनुमंडल दंडाधिकारी चन्द्रमा राम, सासाराम डीसीएलआर मनीष सिन्हा, सासाराम के प्रभारी अंचलाधिकारी निशांत कुमार दल बल के साथ आयुक्त के चेंबर के मुख्य गेट के पास पहुंचे, जहां ऑफिस के अंदर नगर आयुक्त मौजूद थे और बाहर गेट में ताले लटक रह था.
मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने आनन-फानन में हथौड़ा मंगाकर विडियोग्राफी कराते हुए ताले को तोड़कर नगर आयुक्त को बाहर निकाला गया था. अधिकारियों की मौजूदगी में ही नगर आयुक्त को नगर निगम के पिछले गेट से कलेक्ट्रेट परिसर कि ओर ले जाया गया. इधर, मेयर सहित अन्य वार्ड पार्षदों ने नगर आयुक्त के मनमानी रवैया को ले आयुक्त के विरोध में नगर निगम के मुख्य द्वार पर धरना पर बैठ गए थे.
जहां मौके पर उपस्थित एसडीओ मनोज कुमार, डीएसपी संतोष कुमार राय, अनुमंडल दंडाधिकारी चन्द्रमा राम, डीसीएलआर मनीष सिन्हा, सीओ निशांत कुमार द्वारा धरना पर बैठे लोगों को समझा-बुझाकर धरना पर बैठे वार्ड पार्षदों को हटाया गया. इसी मामले में अब नगर निगम प्रशासन द्वारा मेयर, मेयर के पति, समेत चार पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है. वहीं दूसरी ओर वार्ड नंबर-13 की पार्षद सुनीता सिंह व वार्ड नंबर चार के पार्षद आजाद राम ने नगर आयुक्त के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया गया है.
नगर आयुक्त यतेन्द्र कुमार पाल का कहना है कि बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णयों की पारदर्शिता के लिए वीडियोग्राफी करायी जा रही थी. यह नियमानुसार है. इसके लिए अनुमति की जरूरत महसूस नहीं की गयी. जिला कार्यालयों में भी होनेवाली बैठक की वीडियोग्राफी कारायी जाती है. यह ऐसा भी निर्णय भी नहीं, जिसके लिए इतना हंगामा किया गया. कार्यालय में टाला जड़कर नारेबाजी की गयी. अब नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.