भोजपुर के उदवंतनगर का यह मिठाई, जो जिह्वा से सीधे दिल तक पहुंचता है

भोजपुर जिला मुख्यालय आरा से लगभग 12 किलोमीटर दूर बसे गाँव उदवंतनगर का खुरमा जो एक बार खा लेता वो इसके स्वाद को कभी नहीं भूलता. यही कारण है कि जो भी लोग उदवंतनगर से होकर गुजरते हैं वो इस मिठाई को खाना नहीं भूलते. केवल छेना और चीनी से बनने वाली ये मिठाई उदवंतनगर गांव और शाहाबाद क्षेत्र के अलावे बिहार में भी कहीं और नहीं मिलती. देखने में खुरमा बिल्कुल अनगढ़ की तरह दिखता है लेकिन अंदर से मिठास के साथ-साथ इतना रसीला होता है कि स्वाद जिह्वा से सीधा दिल में पहुंच जाता है. इस क्षेत्र के लोग अगर रिश्तेदार के घर जाते हैं तो इस मिठाई की डिमांड और बढ़ जाती है.

फोटो- नेहा नूपुर

उदवंतनगर में इस मिठाई को बनाने वाले काफी कारीगर हैं. कारीगर बताते हैं कि शुद्ध दूध के छेना से यह मिठाई बनायी जाती है. जिसमें हल्के चीनी का प्रयोग किया जाता है और फिर उतनी ही हल्की चासनी बनायी जाती है. छेने को चौकोर या तिकोर साइज देकर इसे हल्का तलकर अंतिम रूप दिया जाता है और चासनी में थोड़ी देर डुबोने के बाद निकाल लिया जाता है. इसके बाद इसे 250 रुपये प्रति किलोग्राम बेचा जाता हैं. महंगाई के कारण पिछले साल भर से यह रेट है नहीं तो डेढ़ सौ से दो सौ रुपये ही प्रति किलो इसे बेचा जाता था. इस मिठाई की प्रसिद्धि बिहार के साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में है. अगर आपने अभी तक यह बहुत ख़ास और लजीज मिठाई नहीं चखी है तो समझिये कि एक बेहतरीन बिहारी टेस्ट से वंचित हैं.

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