बिहार में बुजुर्गों की तुलना में बच्चे एवं युवा अधिक संक्रमित, कुल 251 मरीजों में 74 फीसदी 40 वर्ष तक के लोग

कोरोना के बारे में आम धारणा है कि इससे बुजुर्गों-बच्चों को ज्यादा खतरा है. मगर बिहार स्वास्थ्य विभाग के द्वारा आये आकड़े में वायरस की चपेट में आने या बचे रहने के लिए उम्र सीमा मायने नहीं रखती. बिहार में सबसे ज्यादा बच्चे एवं युवा कोरोना वायरस से संक्रमित हुए है.

सूबे में अब तक मिले 251 पॉजिटिव केस में 74 फीसदी लोग 40 वर्ष तक की आयु के हैं. दुनिया के दूसरे देशों में 60 वर्ष से अधिक आयु के कोरोना पाॅजिटिव केस सामने आ रहे हैं. चौंकाने वाला तथ्य यह है कि बिहार में 60 वर्ष से अधिक आयु के संक्रमित मरीजों का प्रतिशत कुल का छ: फीसदी ही है. इससे स्पष्ट हो रहा है कि बिहार में बुजुर्ग बहुत कम संक्रमित हुए और बच्चे एवं युवा वर्ग को कोरोना से ज्यादा संक्रमित हो रहे. राज्य में 15 अप्रैल को लाॅक डाउन-2 शुरू होने के बाद से संक्रमितों की वृद्धि दर बढ़ोतरी है.

सूबे में 251 संक्रमित मरीज हैं. जिसमें दो लोगों ने दम तोड़ दिया है. 45 कोरोना मरीजों ने इस जानलेवा बीमारी को मात देकर एक नई जिंदगी हासिल की है. बता दें कि सूबे में 30 वर्ष तक के संक्रमित मरीज का प्रतिशत 51%, 31 से 40 वर्ष तक का 22.71%, 41 से 50 वर्ष के 10.75%, 51 से 60 साल के 9.96%, 61 से अधिक उम्र के 5.58% हैं.

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार के मुताबिक युवा यह न सोचें कि उनका प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत है तो संक्रमण नहीं होगा. बच्चे और युवाओं को सचेत रहना जरूरी है. वहीं विशेषज्ञों के मुताबिक इस वायरस के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती. यह युवाओं के लिए भी उतना ही जोखिम वाला साबित कर सकता है जितना कि बुर्जुगों और बच्चों के लिए खतरनाक है.

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