खुशखबरी! रोहतास के कैमूर वाइल्डलाइफ सेंचुरी में दिखा बाघ, पहली बार लगाए गए ट्रैप कैमरे में कैद हुई तस्वीर

फाइल फोटो: रोहतास के कैमूर वन्यप्राणी अभयारण्य में बाघ

रोहतास जिले के वन्यजीव प्रेमियों के लिए खुशखबरी है. कैमूर वाइल्डलाइफ सेंचुरी में पहली बार कैमरे से बाघ का ट्रैकिंग कैमरे से किया गया है. कैमूर पहाड़ी के जंगल में पहली बार रोहतास वन विभाग ने ट्रैप कैमरे लगाए हैं, जिसमें बाघ की तस्वीर कैद हुयी है. रोहतास वन विभाग फिलहाल बाघ की लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है. बाघ की तस्वीर आने से कैमूर वाइल्डलाइफ सेंचुरी को टाइगर रिजर्व घोषित होने की पूरी उम्मीद जग गयी है.

बता दें कि इसके पहले रोहतास जिले के तिलौथू क्षेत्र में पहली बार इस बाघ का मल प्राप्त हुआ था. इसके बाद चेनारी के औरैंया, भुड़कुड़ा एवं दुर्गावती जलाशय वाले इलाके में पहाड़ी पर इस बाघ के पदचिन्ह देखे गए थे. सभी जगह पर पंजे के निशान एक हीं तरह के हैं. रोहतास वन विभाग द्वारा लगातार इस बाघ की ट्रैकिंग की जा रही है. कैमरे में तस्वीर कैद होने से पहले बाघ के मल को देहरादून स्थित वाइल्डलाइफ इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया के लेबोरेटरी में जाँच के लिए भी भेजा गया था.

कैमूर वाइल्डलाइफ सेंचुरी में मिला बाघ का पदमार्क

रोहतास वन प्रमंडल के डीएफओ प्रद्युम्न गौरव ने बताया कि कैमूर वाइल्डलाइफ सेंचुरी में कैमरा ट्रैपिंग के दौरान पहली बार टाइगर की तस्वीर कैमरे में कैद हुई है. यह वन विभाग के लिए बड़ी खबर है. 24 मार्च से यह सर्वे शुरू हुआ है और तीसरे दिन ही टाइगर के होने के पूर्णत: प्रमाण मिल गए हैं. यह हमारे लिए बहुत खुशी की बात है. उन्होंने बताया कि यह सर्वे 20 अप्रैल तक जारी रहेगा. इस दौरान हम इस पूरे इलाके को वाइल्डलाइफ सेंचुरी के रूप में डेवलप करने के लिए रोड मैप डेवलप किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कैमूर वन्यप्राणी अभयारण्य में लगातार सुरक्षा बढ़ाई जा रही है ताकि आने वाले दिनों में बाघ का स्थानीय पापुलेशन बन जाये. जिससे कैमूर वन्यप्राणी अभ्यारण टाइगर रिजर्व घोषित हो जाएगी. नवंबर-दिसंबर माह में पहली बार रोहतास वन प्रमंडल सेंचुरी में मौजूद शाकाहारी एवं मंसाहारी जानवरों दोनों तरह के जानवरों का चिन्हांकन, सर्वेक्षण व वन्यजीवों की गणना की जाएगी.

वहीं कयास लगाये जा रहे है कि बाघ मध्य प्रदेश के पन्ना, बांधवगढ़ या संजय-दुबरी टाइगर रिजर्व से कैमूर वन्यप्राणी आश्रयणी में पहुंचा है. फोटोग्राफ्स के आधार पर मध्यप्रदेश के वन्य अभयारण्यों से जानने की कोशिश की जा रही कि बाघ मध्यप्रदेश के किस टाइगर रिजर्व से आया है.

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