कैमूर पहाड़ी की गोद मे बसे तिलौथू प्रखंड स्थित तुतला भवानी वाटरफॉल एवं चेनारी प्रखंड स्थित दुर्गावती जलाशय को सुंदर, स्वच्छ व इको टूरिज्म बनाने के लिए वन विभाग द्वारा पहल शुरू कर दिया गया है. तुतला भवानी धाम के पास पांच हेक्टेयर क्षेत्र में पौधाशाला का निर्माण किया जा रहा है. वहीं तुतला भवानी धाम के रास्ते को सालों भर पैदल चलने लायक बनाया जायेगा. इस दो किलोमीटर जंगल क्षेत्र में पैदल चलने का रोमांच ही अलग होगा. सभी गाड़ियों का इधर प्रवेश निषेध किया जायेगा. इस पर्यटन स्थल से दूर बस स्टैंड, ऑटो स्टैंड, साइकिल व मोटरसाइकिल स्टैंड की भी व्यवस्था की जायेगी.
जबकि बुजुर्ग लोगों के लिए तुतला भवानी धाम से दो किलोमीटर दुरी तक बैटरी चलित रिक्शा चलाया जायेगा. साथ ही परिसर में चेंजिग रूम, शौचालय भी बनाया जायेगा. जिसकी तैयारियां वन विभाग द्वारा शुरू हो गयी हैं. वहीं तुतला भवानी वाटरफॉल के ठीक नीचे अवस्थित मां तुतलेश्वरी मंदिर में जाने वाले सीढ़ियों का निर्माण भी होगा.
वहीं दुर्गावती जलाशय को भी इको टूरिज्म के रूम में विकसित किया जा रहा है. दुर्गावती जलाशय के जल प्लावन क्षेत्र में नौका विहार की व्यवस्था रहेगी. जलाशय के पास पर्यटकों को बैठ छटा को निहारने की भी व्यवस्था की जाएगी. वहीं दुर्गावती जलाशय के पास वन विभाग द्वारा पुलिस चेक पोस्ट बनाया गया है. ताकि जलाशय के पास कोई प्लास्टिक या मछली पकड़ने वाले समान न लें जा सके.
डीएफओ प्रद्युम्न गौरव ने बताया कि तुतला भवानी एवं दुर्गावती अति मनोरम प्राकृतिक रमणीक जगह है. इसे इको टूरिज्म के रूप में विकसित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि दुर्गावती जलाशय एवं तुतला भवानी धाम में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए वन विभाग द्वारा पहल शुरू कर दी गयी है. जल्द ही तुतला भवानी धाम के सीढ़ियों का निर्माण, पहाड़ी पर दो किलोमीटर तक संपर्क पथ का कार्य शुरू होगा. झरना में स्नान करने के बाद कपड़ा बदलने शेड भी बनाया जायेगा. उन्होंने बताया कि दुर्गावती जलाशय में नौका विहार की व्यवस्था रहेगी. हाल ही में दुर्गावती क्षेत्र में विलाव भी देखा गया है. दुर्गावती जलाशय एवं तुतला भवानी इको टूरिज्म से सुसज्जित होने के बाद और अधिक रमणिक स्थल हो जायेगा. साफ-सफाई नियमित रूप से हो, धारा प्रवाह जल दूषित न हो इस पर भी खास ध्यान दिया जायेगा.