रोहतास में खोले जाएंगे दो ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल, निजी क्षेत्र के संस्थानों को मिलेगा अवसर

रोहतास जिला परिवहन कार्यालय

सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने और नौसिखिया चालकों को पूर्व से ही कुशल प्रशिक्षण मिल सके, इसके लिए रोहतास जिला में दो मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोले जायेंगे. ट्रेनिंग स्कूलों में जहां नौसिखिया चालकों को कुशल वाहन चालन का प्रशिक्षण मिल सकेगा. वहीं निजी क्षेत्र के संस्थानों, व्यक्तियों को रोजगार का एक बड़ा अवसर मिलेगा.

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परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार ने सभी जिले के परिवहन विभाग को पत्र लिखकर कहा है कि निजी क्षेत्र में इच्छुक संस्थानों/ व्यक्तियों द्वारा आधुनिक तकनीकी आधारित मोटरवाहन चालन प्रशिक्षण विद्यालय की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए मोटर वाहन चालन प्रशिक्षण संस्थान प्रोत्साहन योजना शुरू की जा रही है.

मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलने के लिए जिलों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. बड़े जिले को ए श्रेणी में रखा गया. इसमें तीन, मध्यम जिले को बी श्रेणी में रखा गया है, जिसमें दो और सी श्रेणी के जिले में एक मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोले जायेंगे.इस ग्रेडिंग के अनुसार रोहतास जिले को बी श्रेणी में रखा गया है, इसलिए जिले में दो ट्रेनिंग स्कूल खोले जाएंगे.

परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि प्रशिक्षण के अभाव में वाहन चलाने के दौरान चालक गलतियां करते हैं और दुर्घटना के शिकार होते हैं. सड़क सुरक्षा के दृष्टिकोण से वाहन चालकों को पूर्व से ही प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है. इससे सड़क दुर्घटना में कमी आ सकेगी. मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलने के लिए अनुदान के रूप में कुल प्राक्कलित राशि का 50 प्रतिशत या अधिकतम 20 लाख रुपये दोनों में जो न्यूनतम होगा,मुहैया कराया जाएगा. इस राशि का आवंटन बिहार सड़क सुरक्षा परिषद द्वारा जिला पदाधिकारी को उपलब्ध कराया जाएगा.

जिला परिवहन कार्यालय रोहतास

मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल निजी क्षेत्र के संस्थान या कोई व्यक्ति भी खोल सकते हैं. ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में ट्रैक पर ट्रेनिंग देने के साथ ही सेमुलेटर आधारित ट्रेनिंग भी दी जाएगी. सभी मोटर ड्राइवर ट्रेंनिग स्कूल में सिमुलेटर रखना एवं सिमुलेटर बेस्ड ट्रेंनिग देना अनिवार्य किया गया है. इसके लिए राज्य के सभी वैध मोटर ड्राइविंग ट्रेंनिग स्कूल को सिमुलेटर खरीद करने के बाद सहायता राशि का प्रावधान किया गया है. सुरक्षित यातायात को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक तकनीक आधारित वाहन चालन प्रशिक्षण की सुविधा उन क्षेत्रों में उपलब्ध कराई जाएगी. जहां वर्तमान में पर्याप्त प्रशिक्षण केंद्र नहीं हैं. 

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