बारिश से पानी-पानी हुआ सासाराम, गलियों से लेकर सड़क तक जलभराव, अस्पताल में घुसा पानी

यह तो झांकी है, पूरा बरसात का मौसम बाकी है..! पिछले दिनों से हो रही भारी बारिश के साथ ही रूक-रूक कर बारिश से सासाराम शहर में जलभराव की स्थिति गंभीर बन गई है. नगर परिषद से नगर निगम बने सासाराम शहर में कई ऐसे इलाके हैं जहां लोगों का अपने घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल है. गलियों में पानी लगने से नालियों का अंतर मिट गया है तथा लोग गंदा पानी को पार कर आने जाने को मजबूर है. वहीं शहर के अनेक गली-मोहल्ले में सैंकड़ों घरों में बारिश का पानी घुसा हुआ है. इसके निकलने के उपाय नहीं होने से परेशान हाल में लोगों को पानी के बीच ही किसी तरह रहना पड़ रहा है. छोटे बच्चों के साथ पानी में रह रहे परिवारों को बीमारी की चिंता सता रही है. शहर में हर साल बारिश के मौसम में पानी भर जाता है. फिर भी नगर सरकार की ओर से अभी तक इस बड़े मुद्दे पर कुछ भी नहीं किया है.

जलभराव का हाल तो यह भी है कि जिला समाहरणालय, सदर अस्पताल, डीईओ कार्यालय, नगर परिषद कार्यालय, सासाराम स्टेशन परिसर भी पानी में डूबा है. इससे यहां आने वाले आगंतुकों का आना-जाना भी प्रभावित बना हुआ है. शहर के कई मोहल्लों की स्थिति ड्रेनेज सिस्टम की हकीकत को बयां कर रही है. बारिश से पंजाबी मुहल्ला, धर्मशाला रोड, रेलवे क्लोनी, अड्डा रोड, शेरगंज, न्यू एरिया, गीता आश्रम आदि इलाके में भीषण जलभराव है. शहर में अधिकांश निचले इलाकों में नए-पुराने कॉलोनी और गली-मोहल्ला बारिश के पानी जमा रहने से मुश्किल में है. कहीं-कही सड़कों और गलियों में तीन से चार फीट पानी जमा है. इससे आवागमन पर भी असर पड़ रहा है.

सदर अस्पताल सासाराम के पूरे परिसर में पानी लग गया है. यहां बनी अधिकांश ब्लिडिंग पानी से घिरे नजर नजर आ रही है. अस्पताल परिसर में जलभराव से मरीजों, उनके स्वजनों व अस्पताल कर्मियों को फजीहत का सामना करना पड़ रहा है. परिसर के अंदर भी चारों ओर झील सा नजारा है. अस्पताल के एक्स-रे कक्ष में तो घुटने भर पानी है जिस कारण एक्स-रे सेवा ठप हो गया हैं. इसके अलावा कुष्ठ उन्मूलन विभाग के कार्यालय में भी दो फीट से अधिक पानी लग गया है. ऐसे में जब कोरोना का संक्रमण का दौर चल रहा है मरीज तथा परिजन और डॉक्टर भी परेशान है.

शहर में विगत कई सालों से बारिश के दिनों में शहरवासी इस समस्या को झेल रहे हैं. शहर में सीवरेज का कार्य भी आधा-अधूरा है. किंतु नगर सरकार को इसकी परवाह नहीं है. स्थिति तब और भयावह हो जाती है जब मुहल्ले की सड़कों और गलियों में नाले का कचरा और गंदा पानी जमने लगता है. लोगों का कहना है कि अभी मानसून की शुरूआत हुई है. अधिक बारिश होने पर स्थिति और भयावह हो सकती है. लोगों का कहना है कि जलनिकासी का उचित प्रबंध नहीं होने से इस बार भी सासाराम शहर में भी पटना व बनारस जैसे शहरों की तर्ज पर लोगों को जलजमाव से जूझना पड़ सकता है. शहर के रहनेवाले कैंसर पीड़ित धर्मपाल का कहना है कि बारिश से जलजमाव का गंदा पानी घर में घूस गया है. जिससे सारा टेस्ट रिपोर्ट और मेडिकल डॉक्यूमेंट पानी में डूब गया.

शहर में जलभराव के संबंध में नगर परिषद के अधिकारियों का कहना है कि बारिश के बाद जलजमाव की समस्या पर नगर परिषद की पैनी नजर है. पूर्व में भी कई ऐसे स्थानों पर जहां जलजमाव की समस्या है, वहां पंप से पानी निकालने का कार्य कराया जा रहा है. वर्षा होने के बाद जलजमाव की समस्या स्वाभाविक है. जिन वार्डों में जलजमाव की समस्या है, वहां के लोग अविलंब सूचना दें, तो वहां पानी निकालने का प्रयास किया जाएगा.

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