बक्सर की बिटिया विजया ने अपनी मेहनत और काबिलियत के बूते अपनी माटी का मान बढ़ाया है। पेशे से आर्किटेक्ट विजया प्रियदर्शनी को बेंगलुरु को विस्तारित मेट्रो प्रोजेक्ट का शिल्पकार कहा जाता है। नम्मा मेट्रो के नाम से प्रचलित इस प्रोजेक्ट से 17 महीने से जुड़ी हुई हैं और इसकी डिजाइन में अहम हिस्सेदारी निभा रहीं हैं। विजया बक्सर की बेटी हैं और मध्यम वर्गीय परिवार से आती हैं। पिपरपांती रोड में रहने वाले उनके पिता विश्वनाथ प्रसाद पहले मुनिम थे। विजया छह बहन एवं दो भाइयों में सबसे छोटी है।
विजया को नाम्मा मेट्रो में अहम जिम्मेदारी मिली हैं। बेंगलुरु मेट्रो कॉरपोरेशन लिमिटेड वहां नम्मा मेट्रो के नाम से एलीवेटेड एवं अंडरग्राउंड लोकल ट्रांसपोर्ट नेटवर्क संचालित करती है। शहर में 2011 में ही मेट्रो रेल संचालित हो गया था। लेकिन, अब इसका जाल ग्रेटर बेंगलुरु तक शहर के नए हिस्सों में बिछाया जा रहा है। विजया को मेट्रो लाइन एवं स्टेशन डिजाइन सेक्शन में अहम जिम्मेदारी मिली है। उनके बनाए डिजाइन अपेक्षाकृत कम खर्चे और आबादी के विस्थापन के दृष्टिकोण से सहूलियत वाले होते हैं। इसलिए, कंपनी एलिवेटेड और अंडरग्राउंड डिजाइन के मामले में उनके कार्यों को अहम मानती है।
विजया के भाई मनोज के मुताबिक विजया बचपन से ही मेधावी थी। नवोदय विद्यालय से दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद विजया ने वाराणसी के संत अतुलनानंद कॉन्वेंट स्कूल से 12वीं की परीक्षा पास की। इसके बाद जमशेदपुर गवरमेंट वीमेंस कॉलेज में आर्किटेक्ट ट्रेड में दाखिला लिया। यहां 2010 में बी-टेक की पढ़ाई पूरी करने के दौरान ही एक निजी कंपनी में कैंपस सिलेक्शन हो गया। जहां ढ़ाई-तीन साल नौकरी करने के बाद उन्होंने निजी कंसलटेंट के रूप में कई प्रोजेक्ट पर काम किया। इसी दौरान बेंगलुरु के मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में उन्होंने अपना प्रोफाइल भेजा और आज सेक्शन इंजीनियर के पद पर कार्यरत है।
विजया का कहना है कि उनके अपने शहर बक्सर में कभी मेट्रो आएगा की नहीं, यह उन्हें नहीं पता, लेकिन मेट्रो रेल परियोजना के इस प्रोजेक्ट में काम करना बेहद रोमांचक है। अगर मौका मिला तो वह अपने प्रदेश में भी इस तरह के प्रोजेक्ट में काम करना चाहेंगी।