सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कैमूर में 256 करोड़ की लागत वाली दो सिंचाई परियोजनाओं का कार्यारंभ और चार का शिलान्यास किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि कैमूर व रोहतास कृषि का हब है. अगर कृषि रोड मैप के जरिए यहां के हर खेत तक पानी-बिजली पहुंच जाए तो ये दोनों जिले पूरे बिहार को खाना खिला सकते हैं.
13 साल की उनकी सरकार में सिंचाई पर 30 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि न्याय के साथ विकास की हमारी प्रतिबद्धता रही है. इसके केंद्र में शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य, सिंचाई, बिजली और कानून का राज रहा है. ताकि सद्भाव बना रहे. सामाजिक टकराव से विघटन पैदा होता है, समाज में नफरत जन्म लेती है. इसलिए हम न्याय के साथ विकास की राह पर चलते हैं. वह दुर्गावती में जनसभा को संबोधित कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने जनसभा के दौरान पश्चिमी उच्च स्तरीय नहर के लिए 988.72 लाख रुपये, पश्चिमी सोन उच्च स्तरीय के टेल इंड से बेतरी वितरणी तक पक्कीकरण कार्य के लिए 1073.08 लाख रुपये, कर्मनाशा नदी में धड़हर पंप हाउस एवं लिंक नहर का निर्माण कार्य के लिए 5771 लाख रुपये, कर्मनाशा नदी पर तियरा पंप हाउस का निर्माण एवं इसके वितरण प्रणाली का जीर्णोद्धार कार्य के लिए 5653 लाख रुपये, कर्मनाशा मुख्य नहर विस्तार एवं कुल्हड़ियां वितरणी का पुर्नस्थापन तथा लाइनिंग कार्य के लिए 8183.32 लाख रुपये तथा कर्मनाशा नदी पर जैतपुरा पंप नहर योजना का निर्माण कार्य के लिए 3943.15 लाख रुपये की योजनाओं का शिलान्यास किए.
सीएम ने कहा कि वन एवं पर्यावरण विभाग करकटगढ़ को इको टूरिज्म घोषित करेगा. जिसमें स्थानीय आदिवासी बहुल गांव शामिल होंगे. वह इसलिए कि बारहमासी जल प्रवाह करकटगढ़ जलप्रपात के जरिए होता है. कैमूर की पहाड़ियों का सौंदर्य अद्भुत है. यहां ग्रिड के जरिए बिजली पहुंचाना मुश्किल है. लेकिन हम सौर ऊर्जा से पहाड़ी इलाकों को रोशन करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करकटगढ़ में जलप्रपात का जायजा लेते हुए कई बिंदुओं पर जिलास्तर के अधिकारियों से विचार विमर्श किया.