नया साल 2021 का आगाज होने वाला है. लोग नया साल मनाने के लिए पूरी तैयारी के साथ जुट गए हैं. कोरोना वायरस के संक्रमण और लॉकडाउन के कारण घर में बंद रहने से अपने आप को असहज महसूस कर रहे लोगों को कहीं बाहर घूमने जाने का एक बहाना मिल गया है. इसी बहाने लोगों को प्रकृति और खूबसूरत जगहों का दीदार करने का मौका मिलता है. हालांकि इस बार कोरोना का असर रहेगा. जल्द कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीदों के बीच अभी भी लोगों को पूरी सावधानी और सतर्कता बरतने की आवश्यकता है.
रोहतास और कैमूर में कई ऐसी जगहें हैं, जहां आप पूरे परिवार के साथ नया साल का आनंद उठा सकते हैं. प्रकृति की गोद में बसे ये जगह बेहद खूबसूरत हैं. यहां आप पिकनिक मना सकते हैं और शहर के कोलाहल से दूर आराम के कुछ पल बीता सकते हैं.
रोहतासगढ़ किला: रोहतास जिले के पिकनिक स्पॉट व पर्यटन स्थल में से एक है रोहतासगढ़ किला. जहां आप अपने परिवार व दोस्तों के साथ किले का दीदार कर नये साल 2020 का शुरुआत कर सकते हैं. विंध्य पर्वत श्रृंखला की कैमूर पहाड़ी के शीर्ष पर शोभयमान यह किला आदिकाल से साहस, शक्ति व सोन घाटी की सर्वोच्चता के प्रतीक के रूप में खड़ा है. किला काफी भव्य है. किले का घेरा 28 मील तक फैला हुआ है. इसमें कुल 83 दरवाजे हैं, जिनमें मुख्य चारा घोड़ाघाट, राजघाट, कठौतिया घाट व मेढ़ा घाट है. प्रवेश द्वार पर निर्मित हाथी, दरवाजों के बुर्ज, दीवारों पर पेंटिंग अद्भुत है. रंगमहल, शीश महल, पंचमहल, खूंटा महल, आइना महल, रानी का झरोखा, मानसिंह की कचहरी आज भी मौजूद हैं. परिसर में अनेक इमारतें हैं जिनकी भव्यता देखी जा सकती है. यहां की प्रकृति छटा देखते ही बनती है. अकबरपुर रोहतास बाजार से रोहतासगढ़ किला की दूरी 40 किमी है. यहां दो पहिया एवं चारपहिया वाहन (बोलोरो/स्कार्पियो) वन्यपथ से होकर जाती है.
दुर्गावती डैम & शेरगढ़ किला: रोहतास और कैमूर जिला के सीमा पर अवस्थित यह डैम अपनी रमणीयता व प्राकृतिक सुंदरता को ले पूर्व से ही आकर्षण का केंद्र रहा है. अब यहां विशेष उत्सवों पर पिकनिक मनाने हजारों की संख्या में लोग जुटते हैं. पर्यटक यहां के प्रकृति की सुंदर वादियों, कलकल बहती नदी की धारा में पंक्षियों की चहचहाहट, चारों तरफ से हरे-भरे पेड़ व पहाड़ की चट्टानों पर चढ़ कर घूमना लोग काफी पसंद करते हैं. दुर्गावती डैम रोहतास के शेरगढ़ पहाड़ी व कैमूर के करमचट के पास राजादेव टोंगर की पहाड़ी के बीच से निकलने वाली दुर्गावती नदी पर बना है.
डैम के पूर्वी तट पर जिले की सीमा में शेरगढ़ का प्राचीन भूमिगत किला दर्शकों के आकर्षण का महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है, तो वहां से कुछ ही दूरी पर भुड़कुड़ा का प्राचीन किला भी सैकड़ों वर्षों से विद्यमान है. किले की बनावट दूसरे किलों से बिल्कुल अलग है.
शेरगढ़ किला इस तरह से बनाया गया है कि बाहर से यह किला किसी को भी नहीं दिखता. किला तीन तरफ से जंगलों से घिरा हुआ है, जबकि इसके एक तरफ दुर्गावती नदी है. इस किले में सैकड़ों सुरंगें और तहखाने हैं. वहां जाने वाले सैलानियों को भ्रमण के लिए पूरा एक दिन भी कम पड़ जा रहा है. शेरगढ़ किले की प्राचीर से दुर्गावती जलाशय का विहंगम दृश्य देखते ही बनता है. दुर्गावती डैम एवं शेरगढ़ किला चेनारी बाजार होकर जाया जाता है.
करकटगढ़ जलप्रपात: कैमूर जिले के कैमूर पहाड़ी पर स्थित करकटगढ़ जलप्रपात प्राकृतिक सौंदर्य का है अद्भूत नजारा है. यहाँ नए साल के अलावे बाकि दिन भी लोग पिकनिक मनाने पहुंचते हैं. करकटगढ़ जलप्रपात से कुछ ही दुरी पर इको पार्क है. करकटगढ़ जलप्रपात भभुआ से 50 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. जलप्रपात की उंचाई करीब 35 मीटर है.
जगदहवा झील: जहां तक नजर जाए बस जल एवं हरियाली ही हरियाली, पहाड़ और खूबसूरत प्राकृतिक नजारे. पक्षियों की चहचाहट, हवा से हिलते पेड़ों के पत्तों की सरसराहट के बिच जब आप वहां भ्रमण करते है तो एक नैसर्गिक सुकून का अहसास होता है. हम बात कर रहे हैं कैमूर जिले के जगदहवा झील की. जगदहवा झील एक खूबसूरत पिकनिक स्पॉट भी है. जो भभुआ शहर से करीब 20 किमी दूर चैनपुर थाना क्षेत्र में है.
मांझर कुंड & धुआं कुंड: रोहतास के कैमूर पहाड़ी पर स्थित मांझर कुंड व धुआं कुंड अपनी मनोरम सुंदरता के लिए जाना जाता है. मांझर कुंड व धुआं कुंड जलप्रपात दशकों से प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है. यहां आप अपने दोस्तों के साथ जा सकते हैं. मांझर कुंड आकर लोग प्रकृति के संगीत को करीब से सुन पाते हैं. पहाड़ से गिरते पानी को निहारना रोमांचक एहसास देता है. वैसे अभी के दिनों में इस जलप्रपात में पानी नामात्र रहती है. फिर भी लोगों को यहां की प्रकृति की छटा खींच लाती है और नए वर्ष में पिकनिक मनाने लोग यहां पहुंच जाते है. यहां जाने का रास्ता सासाराम स्थित ताराचंडी मंदिर के पास से है.
इन्द्रपुरी डैम: नए वर्ष पर इन्द्रपुरी डैम के पास पिकनिक मनाने रोहतास सहित सीमावर्ती जिलों के लोग जुटते है. अधिकतर लोग इन्द्रपुरी डैम के पास लिट्टी-चोखा पार्टी करते है. यहां सोन नद का अद्भुत नजारा दिखता है. बता दें कि इंद्रपुरी डैम (जिसे सोन बराज के नाम से भी जाना जाता है) रोहतास जिले के इन्द्रपुरी में सोन नदी के पर है. इंद्रपुरी बराज 1,407 मीटर (4,616 फीट) लंबा है और दुनिया में चौथा सबसे लंबा बराज है. इसका निर्माण एचसीसी द्वारा किया गया था, जिसने दुनिया में सबसे लंबी 2,253 मीटर लंबी फरक्का बैराज का निर्माण किया था. इंद्रपुरी बराज का निर्माण 1960 के दशक में किया गया था और इसे 1968 में चालू किया गया था.
मां तुतला भवानी इको पर्यटन स्थल: रोहतास जिले के तिलौथू क्षेत्र के अंतर्गत चंद्रपुरा पंचायत में प्राकृतिक सौंदर्य के बीच स्थित है मां तुतला भवानी इको पर्यटन स्थल. हजारों फुट ऊंची पर्वत शृंखला व हरी वनस्पति छटा के बीच झरझर गिरते ऊंचे झरने के मध्य में माता का मंदिर हैं. प्राकृतिक के गोद में बसे यहां जलकुंड भी लोगों को आकर्षण का केंद्र रहे हैं. जिससे अनायास ही लोग यहां खिंचे चले आते हैं. वन विभाग द्वारा यहां झुला पथ भी बनाया गया है.
महादेव खोह: रोहतास जिले के नौहट्टा प्रखंड स्थित महादेव खोह बेहद खुबसूरत पिकनिक स्पॉट है. यहाँ की प्राकृतिक छटा आपके मन को मोह लेगी. पहाड़, झरना, जंगल एवं महादेव का एक छोटा सा मंदिर सब आपके मन को मोह लेंगी. यहाँ घूमने के लिए बहुत सी जगह है.
तेल्हाड़ कुंड: कैमूर जिला मुख्यालय से लगभग 33 किलोमीटर की दूरी पर अधौरा प्रखंड स्थित कैमूर की वादियों में बसा तेल्हाड़ कुंड प्रकृति की अनोखी छटा बिखेरता है. कहते हैं कि तेल्हाड़ कुंड पहुंचने के बाद यहां आये लोगों की प्रकृतिक की सुखद अनुभूति होती है. यहां के पहाड़ों की सुंदरता व कुंड का दृश्य देखने के लिए कैमूर जिला सहित आस पड़ोस के जिलों के लोग भी काफी संख्या में आते हैं. यहां पिकनिक मनाने के लिए प्रत्येक साल के आगमन के प्रथम दिन काफी भीड़ होती है.
चंदनतन शहीद पहाड़ी: सासाराम के चंदनतन शहीद पहाड़ी पर भी लोग पिकनिक मनाने आते है. यहाँ खास कर युवाओं का जमावड़ा होता है.