बक्सर जिले के डुमरांव अनुमंडल अंतर्गत सिमरी प्रखंड के छोटका राजपुर गांव निवासी व कैप्टन बिटिया शिखा सुरभि दिल्ली के अशोक राजपथ पर 26 जनवरी 2019 को राष्ट्रीय परेड समारोह में शामिल होगी. कैप्टन शिखा भारतीय सेना की महिला टुकड़ी कोर ऑफ सिग्नल डेयर डेविल्स का नेतृत्व करेगी. वह बाइक पर खड़ी होकर करतब दिखाते हुए राष्ट्रपति को सलामी देगी. इसको लेकर शिखा दिल्ली में परेड का लगभग सात घंटों तक अभ्यास कर रही हैं.
भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर पदस्थापित शिखा पंजाब के भटिंडा में पोस्टेड हैं. पहली बार राष्ट्रीय परेड में महिला टुकड़ी का नेतृत्व करने का गौरव प्राप्त हुआ है. इसको लेकर डुमरांव और इसके पैतृक गांव छोटका राजपुर में उत्साह का माहौल है.
साहसी कार्यों व खेलकूद में थी रुचि: कैप्टन शिखा सुरभि को साहसिक कार्य व खेलकूद से काफी गहरा लगाव है. उन्होंने इसके लिए मार्शल आर्ट, कराटे, बॉक्सिंग, पर्वतारोहण व बाइक राइडिंग में भी अपनी पहचान बनाई. सेना अधिकारी के पद पर रहते हुए शिखा ने महिला बॉक्सिंग में ऑल इंडिया प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक विजेता रही है. सेना की ओर से दो बार पर्वतारोहण व एडवेंचर स्पोर्ट का प्रशिक्षण प्राप्त की. कैप्टन शिखा मार्शल आर्ट में ब्लॅक बेल्ट हासिल की है.
बता दें कि कुल तीन भाई बहनों में शिखा सबसे बड़ी है. इसकी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा हजारीबाग से हुई, जबकि इंटर दिल्ली से होने के बाद और बी-टेक की पढ़ाई जयपुर से पूरी करने के बाद 2013 में सेना अधिकारी के रूप में चुनी गई. सेना में जाने से पूर्व शिखा एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत थी. यहीं से उनके अंदर देश सेवा का जज्बा पैदा हुआ.
वहीं बीस वर्षो से इनके पिता डुमरांव स्थित प्रोफेसर कॉलोनी में मकान बनाकर रहते आ रहे हैं. माता किरण सिंह हजारीबाग के इंदिरा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में शिक्षिका है. कैप्टन बिटियां डुमरांव स्थित अपने आवास पर जब भी कभी आती हैं तो बालिकाओं को भविष्य में सर्वोच्च पद पाने के लिए प्रेरित करती रहती हैं. इंदिरा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय हजारीबाग के क्वार्टर में रहती है.
कैप्टन बिटिया ने बताया कि मुझे गर्व है कि मुझे सेना के कोर ऑफ सिग्नल में पहली महिला चुना गया, जो 26 जनवरी 2019 को अशोक राजपथ पर ढाई किलोमीटर राष्ट्रीय परेड में कोर ऑफ सिग्नल का प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्राप्त हुआ. इस दौरान में मुझे बाइक पर खड़ी होकर मंच का सलामी देते हुए गुजरना है.