सासाराम में सड़क चौड़ीकरण में 752 वृक्ष रहेंगे यथावत, 94 का पातन, 76 को किया जा रहा स्थानांतरित

सासाराम शहर के पुरानी जीटी रोड के एसपी जैन कॉलेज से कुम्हऊ गेट तक चौड़ीकरण एवं मजबुतीकरण में के दौरान बाधक बन रहे 922 वृक्षों में 752 वृक्षों को वन विभाग के पहल पर काटने के बजाए यथावत स्थान पर रखा जा रहा है. जबकि 94 वृक्षों का पातन किया जाना है. वहीं 76 वृक्षों को वन विभाग के देखरेख में बिना क्षति पहुंचाए उसे बराडीह-मोकर नहर चार्ट भूमि पर स्थानांतरित किया जा रहा है. आधुनिक तकनीकी से 76 वृक्षों को पथ निर्माण विभाग द्वारा नई दिल्ली के एक एजेंसी के माध्यम से ट्रांसलोकेट किया जा रहा है.

इन वृक्षों को सुरक्षित बराडीह-मोकर नहर चार्ट भूमि पर ले जाकर लगाया जा रहा है. अलबत्ता स्थानांतरित होने वाले पेड़ों की डाली काटी जा रही हैं. 10 फीट से नीचे तक गड्ढा कर पुराने पेड़ की जड़ को सुरक्षित किया जा रहा है. इसके लिए पहले पेड़ की जड़ के आसपास थोड़ी सी खुदाई कर पानी डाला जा रहा है. जड़ को सुरक्षित रखते हुए धीरे-धीरे खुदाई की जा रही है, इसे टाट से ढका जा रहा है. जड़ सुरक्षित हो जाने के बाद ही पेड़ को स्थानांतरित किया जा रहा है. जैविक खाद देकर पेड़ को चिन्हित जगह पर लगाया जा रहा है.

डीएफओ प्रद्युम्न गौरव ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए पुरानी जीटी रोड के चौड़ीकरण कार्य के दौरान बाधा बन रहे कुल 922 वृक्षों को चिन्हित किया गया है. लेकिन विभाग की ओर से पेड़ो के बचाने की मुहीम के तहत कुल 752 वृक्षों को यथावत रखने का निर्णय लिया गया है, सिर्फ 94 वृक्षों का पातन किया जाना है. इस दौरान पथ निर्माण विभाग को 76 वृक्षों को ट्रांसलोकेट करने की सहमति के बाद ही एनओसी दिया गया था. उन्होंने बताया कि अधिसूचना के अनुसार किसी भी सरकारी व गैर सरकारी भूमि में किसी भी योजना के तहत आने वाले वृक्षों को यथासंभव काटने के बदले उसे ट्रांसलोकेट करने का निर्देश है. अधिसूचना का अनुपालन के तहत वन विभाग पुरानी जीटी रोड से हटाए जाने वाले वृक्षों को बराडीह-मोकर नहर चार्ट भूमि पर ट्रांसलोकेशन की प्रक्रिया की जा रही है.

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