रोहतास: आजादी का अमृत महोत्सव के तहत तिरंगे के रौशनी से रौशन हुआ शेरशाह का मकबरा

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत गुरुवार को सासाराम शहर के बीचोंबीच स्थित शेरशाह सूरी का मकबरा को तिरंगे की रौशनी से सजाया गया. भारतीय पुरातत्व विभाग ने शाम ढलते ही शेरशाह मकबरा पर लगी सजावटी लाइट को चालू कराया तो इनकी छटा ही निराली थी. तिरंगे के रंग में रंगी आकर्षक लाइटिंग की गई है जिसके कारण शेरशाह सूरी का मकबरा आकर्षण का केंद्र बन गया. सोशल मीडिया पर तिरंगा के रौशनी से जगमग शेरशाह मकबरा की फोटो वायरल होने लगा. देखते ही देखते मकबरा के गेट पर सेल्फी लेने के लिए लोगों का हुजूम टूट गया. लोग इसकी तारीफ करते थक नहीं रहें. भारतीय पुरातत्व विभाग सासाराम के अधिकारी अमृत झा ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आज शेरशाह सूरी का मकबरा को तिरंगे की रौशनी से सजाया गया है.

बता दें कि शेरशाह सूरी का मकबरा देश के 100 आदर्श स्मारकों में शामिल है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के देशभर में 3686 स्मारक हैं. इनमें से 100 संरक्षित स्थानों को आदर्श स्मारक में शामिल किया गया है, जिसमें शेरशाह सूरी का मकबरा भी शामिल है. बाइस एकड़ में फैले आयताकार तालाब के बीच स्थित शेरशाह का मकबरा का विश्व में अपनी पहचान है. तालाब के बीच में तीस फीट ऊँचे चबूतरे पर अष्टपहलदार रौज़े का निर्माण हुआ है. कहा जाता है कि बाइस मई पंद्रह सौ पैंतालीस को कालिंजर युद्ध में मृत्यु को प्राप्त होने को कुछ दिन तक बादशाह शेरशाह सूरी को यहाँ सुपुर्देख़ाक किया गया था. शेरशाह की मृत्यु के तीन माह बाद यह रौज़ा बादशाह इस्लामशाह के हाथों पूर्ण हुआ था. इसकी सुंदरता का बखान करते हुए अंग्रेज पुरविद् कनिंघम ने कहा था कि ‘शेरशाह का यह रौजा वास्तुकला की दृष्टि से ताजमहल की तुलना में अधिक सुन्दर है.’

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