कोरोना वायरस के मामलों में गिरावट के साथ ही बिहार में कोरोना पाबंदियों में थोड़ी ढील देते हुए लॉकडाउन आठ जून तक के लिए बढ़ाया गया है. इस दौरान कोई गरीब, असहाय व जरूरतमंद भूखा न रहे इसके लिए डीएम धर्मेंद्र कुमार के निर्देश पर रोहतास जिले के प्रत्येक नगर निकाय व अंचल में कम्युनिटी किचन को बनाया गया है. इसके जरिए लॉकडाउन के शुरुआत से ही गरीब, असहाय व जरूरतमंद लोगों को भोजन कराया जा रहा है. ऐसे में रोहतास का एक सामुदायिक किचन ऐसा है जिसकी हर ओर चर्चा हो रही है.
सासाराम शहर के ओझा टाउन हॉल में सामुदायिक किचन सेंटर को एक शादी समारोह की तरह सजाया गया है. यहां गरीब, असहाय व जरूरतमंद लोगों को भोजन के अलावे बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था की गई है. लोग यहां आराम से कुर्सी पर बैठ कर खा सकते हैं. शुक्रवार को कई महिलाएं अपने बच्चों के साथ खाती दिखीं. इस सामुदायिक किचन से शहर के होम आइसोलेशन रह रहे मरीज और जरुरतमंदों को भोजन को वॉलेंटियर द्वारा घर पर पहुंचाया जाता है.
सासाराम ईओ अभिषेक आनंद ने बताया कि लॉकडाउन में रोज कमाने वालों को रोजगार नहीं मिलने की वजह से उनके समक्ष खाना खाने की समस्या हो गई है. ऐसे लोगों की मदद की जा रही है. इसके अलावा बच्चों का भी ध्यान रखा जा रहा है. बच्चों के लिए सामुदायिक किचन में दूध और बिस्किट की भी व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि वैसे जरुरतमंद जो सामुदायिक किचन सेंटर पर आने में सक्षम नहीं है. वैसे लोगों को वॉलेंटियर परमजीत और अंकुश भोजन का गर्मागम पैकेट पहुंचाया जा रहा है.
ईओ ने कहा कि सुबह 10 बजे से ही आसपास के गरीब व जरूरतमंद लोग आने लगते हैं. जिला प्रशासन की ओर से तय मेन्यू के अनुसार प्रतिदिन खाना बनाया जाता है. वहीं, बच्चों के लिए दूध दिया जाता है. कई ऐसे बच्चे भी है जो गोद में आते हैं. यह सामुदायिक किचन सेंटर असहाय, बेरोजगार, मजदूर, बुजुर्ग और जरूरंतमंदों के लिए सहारा बना है. खाना खाने आये एक मजदूर ने कहा कि वह रिक्सा चलाता है. लेकिन लॉकडाउन में सब बंद हैं. ऐसे में दोनों वक्त का भोजन सामुदायिक किचन सेंटर में ही करने आता हूं.