रोहतास जिले में इस वर्ष पहली बार जीविका दीदियों की 11 नर्सरी खुलेगी. जिले के सभी प्रखंड में एक-एक नर्सरी खोली जाएगी. प्रत्येक नर्सरी में कम से कम 20,000 पौधे तैयार किए जाएंगे. इन पौधों की बिक्री भी सुनिश्चित की जाएगी. यहां तैयार सभी पौधों की खरीद सरकार करेगी. वन एवं पर्यावरण विभाग उनकी खरीद की गारंटी करेगा. सभी नर्सरी का नाम दीदी की नर्सरी रखा गया है.
सरकार की मंशा है कि अन्य राज्यों से पौधरोपण के लिए पौधे नहीं खरीदे जाएं. राज्य के अंदर पौधशालाओं और जीविका दीदी की नर्सरियों से ये खरीदे जाएं. इसी की तैयारी के तहत नर्सरी खोली जा रही है. खास बात यह है कि सभी पौधे खरीद कर सीधे खाते में पैसा भेजा जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनने का मौका मिलेगा. गरीबी दूर करने का एक माध्यम भी दीदी की नर्सरी होगी. नर्सरी में 7 से 10 लोगों को रोजगार मिलेगा. वहीं, वन विभाग द्वारा जिले के छह किसानों को भी मुख्यमंत्री निजी पौधशाला योजना के लिए चयनित किया गया है. इसके अलावा वन विभाग का अपना अलग से नर्सरी भी होगी.
जिले के अलग-अलग प्रखंडों में चयनित जीविका दीदियों एवं किसानों को रोहतास वन प्रमंडल पदाधिकारी कार्यालय से कार्यादेश भेज दिया गया है. इसकी जानकारी देते हुए डीएफओ प्रद्युमन गौरव ने बताया कि आने वाले सप्ताह में पौधशाला पद्धति के बारे में जीविका दीदियों एवं चयनित किसानों को नजदीकी वन विभाग के नर्सरी में प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके अलावा वन विभाग समय-समय पर आवश्यक सहयोग व मार्गदर्शन भी करेगा. उन्होंने कहा कि हर को बीस हजार फलदार पौधे उगाने का लक्ष्य दिया गया है, जिसमें इमली, शरीफा, शहजन, अमरूद आदि शामिल है.
डीएफओ ने कहा कि इस वर्ष बिहार सरकार के महात्वाकांक्षी मिशन 5.0 करोड़ वृक्षारोपण में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी. रोहतास वन प्रमंडल पदाधिकारी की उपस्थिति में मुख्यमंत्री निजी पौधशाला योजना में चयनित जीविका दीदियों एवं किसानों को पौधशाला निर्माण के लिए निर्देश दिया गया. पौधशाला के सफल संचालन से संबंधित आवश्यक प्रश्नों का प्रत्युत्तर भी दिया गया. कार्यक्रम में चयनित किसानों एवं जीविका समुह की दीदियों की उपस्थिति रही. मौके पर सासाराम रेंजर सतेन्द्र कुमार शर्मा, रोहतास एवं चेनारी रेंजर हेमचन्द्र मिश्रा, बिक्रमगंज रेंजर तीतू मंडल सहित कई वन पदाधिकारी मौजूद थे.