रोहतास जिले में प्रथम चरण के तहत मतदान बुधवार शाम छह संपन्न हो गया है. कुल 116 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है. जिले के सातों विधानसभा क्षेत्र में चेनारी से 15, सासाराम से 20, करगहर से 20, दिनारा से 19, नोखा से 15, डेहरी से 14 एवं काराकाट विधानसभा क्षेत्र से 13 प्रत्याशियों की किस्मत वोटरों ने ईवीएम में कैद कर दी है.
काराकाट, सासाराम एवं चेनारी विधानसभा में शाम चार बजे तक वोट डाले गए, जबकि डेहरी, नोखा, दिनारा, करहगर में शाम छह बजे तक वोट डाले गए. जिले में शाम छह बजे तक 50.89 फीसदी मतदान हुआ.
काराकाट विधानसभा में 51.62 प्रतिशत, सासाराम विधानसभा में 50.50 प्रतिशत, चेनारी विधानसभा में 49.70 प्रतिशत, डेहरी विधानसभा में 52.49 प्रतिशत, नोखा विधानसभा में 49.23 प्रतिशत, दिनारा विधानसभा में 49.10 प्रतिशत एवं करहगर विधानसभा में 53.38 प्रतिशत मतदान हुआ.
सातों विधानसभा में वोटरों ने बढ़ चढ़कर अपनी सहभागिता दिखाई. चलने में असमर्थ वृद्ध, दिव्यांग सब ने लोकतंत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की. नए वोटरों ने भी मतदान किया. चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के कारण भारी संख्या में महिलाओं ने भी वोट किया. वहीं काराकाट विधानसभा क्षेत्र के संझौली प्रखंड के उदयपुर मतदान केंद्र संख्या 151 पर मतदान करने एक 62 वर्षीय वृद्ध मतदाता की मौत हार्ट अटैक से हो गई.
सासाराम के सांसद छेदी पासवान, राज्यसभा सदस्य गोपाल नारायण सिंह के अलावे कई जन प्रतिनिधि व अधिकारियों ने मतदान किया. सांसद गोपाल नारायण सिंह ने कहा कि वे विकास के लिए मतदान किया, ताकि बिहार में विकास की गति और जोर पकड़ सके.
वहीं अधिकांश मतदाताओं की एक ही राय कि सबको रोजगार मिले, अमन-चैन के साथ बिहार विकास के रास्ते आगे बढ़े. जिले के सभी 3212 मतदान केंद्रों पर सुरक्षा बलों की तैनाती ने इस बार मतदाताओं के मन से डर को कोसों दूर किया. ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रशासन व पुलिस अधिकारियों के वाहन दिन भर दौड़ते रहे. नए वोटरों की मानें तो इस बार का परिणाम चौकाने वाला होगा. उनका कहना है कि अब जात-पात के आधार पर नहीं बल्कि अंतरात्मा की आवाज पर वोट डाला है.
सभी मतदान केंद्रों पर चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था रही. सुरक्षा इतना कि परिंदा पर न मार सके. प्राय: सभी मतदान केंद्रों पर पारा मिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई थी. पारा मिलिट्री फोर्स के जवान अर्श से लेकर फर्श तक ड्यूटी करते हुए नजर आए. सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता होने के कारण मतदान केंद्रों के आसपास असामाजिक तत्व पहुंचने की हिम्मत नहीं जुटा सके. मतदान केंद्रो पर पारा मिलिट्री के अलावा जिला और होमगार्ड के जवान भी तैनात थे.
बताते चलें कि कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए इसबार सभी मतदान केंद्रों पर मास्क, हैंड ग्लब्स, डस्टबिन समेत थर्मल स्क्रीन की भी व्यवस्था की गई थी. थर्मल स्क्रीनिग के बाद ही वोटरों को बूथ के अंदर भेज जा रहा था. वहीं जिले के कई बूथों पर हैंड ग्लब्स और डस्टबिन की व्यवस्था नहीं की गयी थी.
जिले में मतदान संपन्न होने के साथ ही प्रत्याशियों के जीत-हार की चर्चा शुरू हो गई है. प्रत्याशी व उनके समर्थक भी अपने-अपने पोलिग एजेंट से जानकारी इकट्ठा करने में व्यस्त रहे. किस बूथ पर किसे कितना वोट मिला है, इसका आंकड़ा जुटाया जा रहा है. उस आंकड़े के बदौलत सभी प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. हालांकि उनके दावों में कितना दम है यह 10 नवंबर को स्पष्ट हो जाएगा.