माटी का महत्व और उसकी महक क्या है, यह कोई परदेस में रहने वालों से पूछे. एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण से हर ओर कोहराम मचा है तो वहीं दूसरी ओर माटी के लगाव के चलते सात समंदर पार से कुछ एनआरआई माटी का कर्ज अदा कर रहे हैं. दूसरे देशों में रह रहे रोहतास व भोजपुर के एनआरआई मदद में आगे आये हैं. यूके के पार्षद व यूएसए में प्रोफेसर सहित कई लोग समूह में शामिल हैं. आरा शहर के नवादा मोहल्ले के निवासी और दुबई के एनआरआई अम्बेडकर ग्लोबल के निदेशक रवि शंकर चांद के प्रयास से यह संभव हुआ है.
इस महामारी के दौर में परदेस से रोहतास जिले के लिए ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर और ऑक्सीमीटर सहित कई सामान भेजा है. विदेश में रहने वाले जिले के लोगों का समूह बनाकर कई लोग आपस में चंदा कर जिले के लिए कोरोना के इलाज से संबंधित सामानों की खरीदारी कर सात समंदर पार से रोहतास में भेजा है. बाकायदा जिला प्रशासन से संपर्क कर सामानों रेडक्रॉस को उपलब्ध भी करा दिया है. रवि ने बताया कि उन्होंने रोहतास के डीएम धर्मेंद्र कुमार से दुबई से फ़ोन पर बात की और पुछा की किस प्रकार के उपकरणों की दिक्कत है. डीएम ने कहा कि रोहतास जिले में ऑक्सीजन से सम्बंधित सभी व्यवस्था उपलब्ध है.फिर भी आप लोगों को जो समझ में आये वे भेज दीजिये. जिसके बाद रेड क्रॉस सोसाइटी सासाराम को एक ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, 20 ऑक्सीमीटर, 100 ऑक्सीमीटर, पीपीई कीट, मास्क व ग्लब्स भेज गया.
रवि के साथ उनके टीम में मदद कर रोहतास में मेडिकल सामग्री भेजने वालों में ओम प्रकाश जो सासाराम के देव कुमार तिवारी के पुत्र ओमप्रकाश है, जो अभी अमेरिका के मिशिगन शहर में सॉफ्टवेयर कंसलटेंट हैं. बताते चले की भोजपुर में भेजे गए खेप में भी ओम प्रकाश का अहम योगदान था. वहीं मीता सिंह भी अमेरिका में मिशिगन में कार्यरत हैं और मूल रूप से डेहरी के दिवंगत बिरदा प्रसाद सिंह की बेटी हैं. बिहार में कोविड के दूसरे वेव के बाद इन्होने अपने प्रदेश के लिए सहयोग करने का निश्चय किया था. जगदीशपुर के डॉ युक्तेश्वर कुमार, जो इंग्लैंड में प्रोफेसर है और साथ ही बाथ शहर के डीपट्टी मेयर भी हैं. ऐसा सम्मान प्राप्त करने वाले वो पहले अश्वेत और पहले भारतीय है. उन्होंने भी रवि चंद के टीम में मदद कर रोहतास के लिए मेडिकल सामग्री भेजने में अपना योगदान दिया. उन्हें शाहाबाद की धरती से काफी लगाव है. रणजीत सिंह जो रोहतास के गोरारी थाना के अमौरा ग्राम के निवासी हैं और थाईलैंड में व्यवसायी हैं एवं बिक्रमगंज के अंधार कर्मा के यूएस में रहने वाले अखिलेश दुबे भी शामिल है.
विदित हो की तीन सप्ताह पहले जब कोरोना अपने चरम पर था और ऑक्सीजन फ्लोमीटर की अचानक कमी थी,तो उन्होंने रातो रात दुबई से आरा के लिए 50 फ्लोमीटर और अन्य राहत सामग्री भोजपुर और बक्सर डीएम तक पहुंचाई. इसके अलावे रवि ने आरा के लिए दो खेप राहत सामग्री भेज चुके है. बताते चलें की रवि शंकर चांद पिछले साल के प्रथम लॉकडाउन के समय सुर्खियों में आये थे. जब उन्होंने 30 चार्टर्ड प्लेन से 6 हजार दुबई फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को दुबई से गया बिहार भेजवाया था. इनकी संस्था बिहार के युवाओं को मेंटरिंग भी करती है. ये कोरोना के दूसरी लहार के दरम्यान अपने अप्रवासी भारतीयों के टीम को लीड करते हुए अब तक भोजपुर, बक्सर और रोहतास जिले में मेडिकल एकुप्मेंट्स दुबई से भेज चुके है. जिससे इन्हे प्रशासन और जनता से काफी सम्मान मिल रहा है. चांद का मानना है कि कोरोना से युद्ध जितने के लिए हर नागरिक को आगे आना होगा. उन्होंने खासकर युवाओ से आग्रह किया की इस वक़्त प्रशासन और सरकार की आलोचना करने के बजाये उनका साथ दें और खुद कुछ करें.