रोहतास के नारायण कृषि विज्ञान संस्थान में ग्यारह नई किस्मों के धान के बीजों के उत्पादन पर शोध शुरू

जिले के जमुहार स्थित नारायण कृषि विज्ञान संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा धान के बीज को लेकर नई किस्मों का रोहतास जिले में उत्पादन का शोध प्रारंभ हो चुका है. इस संदर्भ में गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के नारायण कृषि विज्ञान संस्थान में धान की नर्सरी रेज बेड विधि से लगाई जा रही है. जैसा कि विदित है भारत की मुख्य खाद्यान्न फसल धान की खेती खरीफ मौसम में की जाती है और मानसून के दस्तक देते ही धान की फसल की नर्सरी लगाई जाती है. इसीलिए धान की स्वस्थ नर्सरी तैयार करने की अहमियत काफी बढ़ जाती है.

नारायण कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ राम प्रताप सिंह ने बताया कि इस विधि से धान की नर्सरी डालने से किसान कम पानी एवं बीज से अधिक स्वस्थ एवं अधिक ओज वाले पौधे तैयार कर धान की उत्पादकता एवं अपनी आय बढ़ा सकते हैं. नारायण कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक के दिशा निर्देश में धान की 11 अलग-अलग किस्में जिसमें स्वर्णा सब वन, सांबा मंसूरी सब वन, एच.यू.आर. 36, एच.यू.आर. 1309, एच.यू.आर. 1320, एच.यू.आर.917, एच.यू.आर.105, एच.यू.आर. 43, एच.यू.आर. 1304, काला नमक एवं बौना काला नमक लगाई गई है, जो कि इस क्षेत्र के लिए बिल्कुल नयी है.

संस्थान के सहायक प्राध्यापक डॉ प्रशांत विशेन, अनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन नीरज सिंह गौतम ने जानकारी देते हुए कहा कि क्षेत्र में इन किस्मों की उपज तथा गुणवत्ता का परीक्षण किया जाएगा. जिससे किसानों की फसल उत्पादन एवं उत्पादकता दोनों को बढ़ाया जा सके. गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के सचिव गोविन्द नारायण सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर चलाई जा रही है इसे पूरा करने की दिशा में नारायण कृषि विज्ञान संस्थान अपना योगदान देने में बिल्कुल अग्रणी भूमिका का निर्वाह कर रहा है.

वहीं, नारायण कृषि विज्ञान संस्थान के ही बीएससी पार्ट वन के छात्रों द्वारा संस्थान के फार्म एरिया में पहली बार में ही मक्का उत्पादन का प्रयोग सफल रहा है. शुरू से कभी खेतों में न जाने वाले बच्चे जो बचपन से स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाई करते रहे, उनके द्वारा कृषि विज्ञान क्षेत्र का चयन करके जो आज यह प्रयोग किया गया है, इसको लेकर संस्थान के कुलाधिपति सह राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त की है एवं युवा वर्ग के कृषि की ओर झुकाव को देश के भविष्य के लिए काफी सुखद बताया है. नारायण कृषि विज्ञान संस्थान के शिक्षक डॉक्टर संदीप मौर्या एवं नीरज गौतम के नेतृत्व में बीएससी पार्ट वन के छात्रों ने संस्थान के फार्मिंग हाउस में इस वर्ष मक्के की खेती की थी, जिसके पौधे बड़े ही उन्नत हुए और परिणाम आज सामने है.

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