शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने गुरुवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय रोहतास का निरीक्षण किया. साथ ही उन्होंने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के नये भवन का भी निरीक्षण किया. इस दौरान प्रधान सचिव ने कहा कि प्रशिक्षण संस्थान का भवन मानक के अनुरूप नहीं बना है. भवन का कार्य पूरे कार्य की जांच के लिए मुख्यालय के स्तर से मुख्य अभियंता के नेतृत्व में एक टीम बनाई जाएगी. जांच रिपोर्ट के आधार पर जो लोग भी दोषी पाए जाएंगे, उनपर कार्रवाई की जाएगी.
प्रधान सचिव ने पहले जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय पहुंचे, जहां पर जहां-तहां बंडल बना रखे गए संचिकाओं को देख डीईओ समेत विभाग के अन्य अधिकारियों पर भड़क उठे तथा उन्हें जमकर फटकार लगाई. उन्होंने वहां मौजूद एक कर्मचारी से पूछा कि इन बंडल को खोलके देखे हो कि है क्या की ऐसे ही वर्षों से बंधा पड़ा है? उनके साथ मौजूद डीएम धर्मेंद्र कुमार भी कार्यालय की कार्य पद्धति देख अधिकारियों को खरी खोटी सुनाई. प्रधान सचिव ने कहा कि शिक्षक शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान (डायट) का नया भवन अनुश्रवण के अभाव में मानक के अनुरूप नहीं बना है. उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया जो कार्य किया गया है वो निम्न स्तर का पाया गया है और सुपरवीजन की भी कमी रही है. जिसकी जांच के मुख्यालय स्तर पर मुख्य अभियंता के नेतृत्व में एक टीम बनाकर कराई जाएगी. जिसमें जो लोग भी दोषी पाए जाएंगे उनपर कार्रवाई होगी.
चार दिन पूर्व कोचिंग संस्थान को बंद कराने को लेकर असामाजिक तत्वों व छात्रों द्वारा शहर में की गई तोड़-फोड़ व आगजनी के मामले में उन्होंने कहा कि इस संबंध में डीएम से विस्तार से चर्चा हुई है. उनके द्वारा बगैर निबंधन के संचालित हो रहे कोचिंग संस्थानों के विरूद्ध की गई कार्रवाई संतोषजनक है. स्कूलों में मास्क उपलब्धता पर उन्होंने कहा कि सबसे जरूरी मास्क का उपयोग है, जिससे कि कोरोना महामारी के फैलने से रोका जा सके. इसके प्रति अभिभावकों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने बच्चों को मास्क पहनाकर ही बाहर निकलने की आदत डालें. निरीक्षण के वक्त डीईओ संजीव कुमार, डीपीओ लेखा-योजना सह प्रशिक्षण संस्थान के प्रभारी प्राचार्य मानवेंद्र कुमार राय, डीपीओ समग्र शिक्षा राघवेंद्र प्रताप सिंह, सदर एसडीएम मनोज कुमार समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.