लॉकडाउन का पालन सख्ती से कराने के लिए सोमवार को जिलाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार ने सासाराम शहर के चौक-चौराहा का निरीक्षण किया. इस दौरान डीएम ने अनावश्यक सड़क अफरा-तफरी कर रहे और बाइक से घूम रहे लोगों को उनके जिंदगी की कीमत समझाई. करगहर मोड़ पर डीएम ने बाइक से छोटे बच्चों और पत्नी को लेकर जा रहे व्यक्ति को रोका. उससे कहा- भाई साहब! कम से कम इस मासूम की जिंदगी का ख्याल रखिए. लॉकडाउन लगा है, ताकि आप व आपका पूरा परिवार सुरक्षित रह सके. ऐसा कोई काम न करें जिससे कि आपका अनमोल जीवन खतरे में पड़ जाए. आप व आपका पूरा परिवार इस कोरोना महामारी में सुरक्षित रहें, इसिलिए तो ये सुरक्षाकर्मी दिन-रात आपकी रखवाली में लगे हैं. बहुत जरूरी होने पर ही घर से निकलें अन्यथा पुलिस-प्रशासन लॉकडाउन को सख्ती से अनुपालन कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा.
करगहर मोड़ के पास लगभग दस बजे चानक पहुंचे डीएम को देख वहां पर पूर्व से तैनात सुरक्षाकर्मी भी हरकत में आ गए थे. बड़े साहब को देख तैनात सुरक्षाकर्मी सड़क पर आने-जाने वालों की खोज-खबर लेने में जुट गए. यहां तक खुद डीएम ने भी अनावश्यक रूप से बाहर निकलने वालों को नसीहत देते नजर आएं. गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाने वालों की खैरियत भी ली. गाइडइालन को ताक पर रख वाहनों से सफर करने वालों की खैरियत भी ली गई. बगैर मास्क व हेलमेट के बाइक चलाने वालों को उठक-बैठक करना पड़ा. डीएम के साथ सदर एसडीएम मनोज कुमार समेत पुलिस व प्रशासन के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे.
डीएम ने कहा कि जिलावासियों से अपील की कि आपसभी कोविड-19 के गाइडलाइंस का अनुपालन करें. खासकर के मास्क का प्रयोग व सामाजिक दूरी का अनुपालन करें. बिना कारण के घर से बाहर न निकलें. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के जांच के लिए बढ़ चढ़कर हिस्सा लें. जितना ज्यादा टेस्ट होगा उतना जल्दी कोरोना का ग्राफ कम होगा. साथ ही अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर टीकाकरण में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें. विदित हो कि एक ओर कोरोना संक्रमण काल में कभी असम और कभी छत्तीसगढ़ के डीएम की अफसरशाही के कारनामों से एसोसिएशन तक शर्मसार महसूस कर रहा था, वहीं रोहतास जिले के डीएम हमदर्द की तरह सड़कों पर पेश आए.