रोहतास में बाल विकास परियोजना में गड़बड़ी की शिकायत पर डीएम धर्मेंद्र कुमार ने सख्त कदम उठाते हुए कार्रवाई की है. जांच के बाद डीएम ने बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कार्यालय संझौली के लिपिक अमरनाथ ओझा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
लिपिक द्वारा बाल विकास परियोजना कार्यालय सूर्यपुरा एवं बिक्रमगंज के नजारत का प्रभार विगत छह माह से नहीं देने व कार्य में लापरवाही बरतने व असंवेदनशीलता के आरोप में निलंबित किया गया है. इनके उपर भ्रष्टाचार की भी शिकायत हुई है. वहीं फर्जी तरीके से कार्य करने एवं मानदेय लेने के मामले में एक आंगनबाड़ी सेविका पर गाज गिरी है. सेविका को चयनमुक्त कर दिया गया है.
मामला डेहरी प्रखंड सदर के पश्चिमी मोहन बिगहा वार्ड नंबर 16 का है, जहां आंगनबाड़ी केन्द्र कोड संख्या 70 को रद्द कर दिया गया है. डीपीआरओ ने बताया कि उक्त आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका कान्ता कुमारी के खिलाफ फर्जी तरीके से काम करने एवं मानदेय का मामला सामने आया था. जांच में यह सत्य पाया गया. इसके बाद कान्ता कुमारी द्वारा लिए गए मानदेय की राशि 3 लाख 44 हजार 526 रुपये की वसूली हेतु बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सासाराम सदर के द्वारा निलाम पत्र दायर किया गया है.
साथ ही कान्ता कुमारी का केन्द्र भी रद्द कर दिया गया है. उक्त कार्य में संलिप्त तत्कालीन बाल सीडीपीओ बिक्रमगंज संध्या कुमारी पर प्रपत्र क गठित कर विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ करते आवश्यक कार्रवाई करने के लिए विभाग को लिखने का आदेश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है तथा साथ ही संबंधित एलएस पर भी कार्रवाई की जा रही है.