रोहतास जिले के नौहट्टा थाना में एक दिव्यांग शिक्षक को बेरहमी से मारने-पीटने करने का मामला सामने आया है. थाना पहुंचकर परिजनों ने जब हंगामा शुरू किया तब शिक्षक को पुलिस ने कमरे से बाहर निकाला. इसके बाद परिजनों ने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. शिक्षक ने इस मामले में पुलिस के वरीय अधिकारियों से शिकायत की है. मामले में एसपी आशीष भारती ने मुख्यालय डीएसपी के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया है.
बताया जाता है कि तिलौथू प्रखंड में प्राथमिक विद्यालय के दृष्टि दिव्यांग शिक्षक संजय कुमार विश्वकर्मा के साथ मारपीट की गई है. संजय कुमार विश्वकर्मा के परिवार में अपने ही गोतिया का जमीन का कोई विवाद चल रहा है. उसी विवाद में बताया जाता है कि नौहट्टा थाना का एएसआई मनीष कुमार शर्मा ने उसे घर पर जाकर थाने आने के लिए कहा. थाने से बुलावा आने की जानकारी मिलने पर शिक्षक संजय कुमार विश्वकर्मा थाना पहुंचे तो एएसआई मनीष कुमार उनके साथ गाली-गलौज करने लगे. जिस पर पीड़ित ने अपने मोबाइल में रिकॉर्डिंग करना चाहा.
जिससे नाराज होकर एएसआई ने दिव्यांग शिक्षक को थाना के कमरे में बंद कर बेरहमी से पिटाई करने लगा. शिक्षक की पिटाई से उसके शरीर पर जख्म उभर आए हैं. पिटाई के दौरान जब शिक्षक की स्थिति बिगड़ने लगी और सूचना पर थाने पहुंचे परिवार के लोग चीखने-चिल्लाने लगे तब पुलिस ने उसे पीटना छोड़ा. इसके बाद परिजनों ने शिक्षक को अस्पताल ले जाकर इलाज करवाया और पुलिस के वरीय अधिकारियों को सूचना दी. घटना तीन-चार दिन पहले की बताई जा रही है. इस मुद्दे को लेकर जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को नौहट्टा थाना का घेराव कर दोषी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की मांग की.
वहीं, आवेदन में शिक्षक ने कहा है कि एसआई मनीष कुमार शर्मा, थाना नौहट्टा 10-11 जुलाई को उसके घर आए और उसे खोजते हुए गालियां देने लगे. घर की महिलाओं द्वारा पूछा गया की उनकी गलती क्या है हमलोगों को भी बताइए तो एसआई द्वारा महिलाओं को गाली देते हुए बोला कि उसे भेजो तब तुम लोग को पता चलेगा. घर लौटने पर उक्त बात की जानकारी परिवार द्वारा शिक्षक को दी गई. शिक्षक उसके बाद नौहट्टा थाना गया.
आवेदन में कहा गया है कि थाने पहुंचने के बाद उसका मोबाइल जब्त कर लिया गया रिकॉर्डिंग जांच का बहाना बना कर काफी बेरहमी से पीटा गया. आवेदन में कहा गया है कि पिटाई के कारण आंख से देखने की तथा कान से सुनने की क्षमता कम हुआ है औरअभी कोई भी काम करने में असमर्थ हूं. शिक्षक ने कहा है कि मारपीट का घटना संयोगवश मेरे मोबाइल में रिकॉर्ड है. जबकि सारा रिकॉर्डिंग फाइल को डिलीट कर दिया गया था, लेकिन वह रीसाइकिलबीन में रह गया था. जिस कारण वह डिलीट नहीं हो सका और सबूत के तौर पर वह ऑडियो सामने आया है.