रोहतास के कैमूर पहाड़ी पर दो दशक बाद बूथ बना कराया गया वोटिंग, तो हो गयी वोटों की बारिश

पंचायत चुनाव के दूसरे चरण के लिए रोहतास जिले के रोहतास एवं नौहट्टा प्रखंड में शांतिपूर्ण एवं भयमुक्त मतदान बुधवार को सम्पन्न हो गया. दोनों प्रखंडों के कैमूर पहाड़ी पर बसे गांवों में 20 वर्षों के बाद मतदान कराया गया, तो वोटों की बारिश हो गयी. पहाड़ पर बसे वनवासियों में उत्साह ऐसा था कि रेहल मतदान केंद्र पर मंगलवार की रात में ही पहुंच चुके थे. मतदाताओं में उत्साह का नतीजा ही है कि पहाड़ी पर बनाए गए बूथों पर रिकार्डतोर मतदान हुआ.

सुबह से शुरू हुआ मतदान शाम चार बजे तक चला. जिउतिया के कारण मतदान केंद्रों पर पहले महिलाओं को वोट देने के लिए आगे किया गया और पुरुष मतदाता बाद में वोट दिए. जिसका नतीजा रहा कि महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत पुरुष वोटरों के मुकाबले अधिक रहा. इस दौरान रोहतासगढ़ पंचायत के धनसा मध्य विद्यालय में बने आठ मतदान केंद्रों पर रिकॉर्ड 74.06 प्रतिशत वोटिंग हुई. जिसमें पुरुष मतदाता 75 प्रतिशत एवं महिला मतदाता 73.07 प्रतिशत मतदान किया. वही पीपरडीह पंचायत के रेहल पंचायत भवन एवं राजकीय प्राथमिक विद्यालय रेहल में बने सभी 10 मतदान केंद्रों पर रिकॉर्ड 75.68 प्रतिशत वोटिंग हुई. जिसमें पुरुष मतदाता 75.24 प्रतिशत एवं महिला मतदाता 76.19 प्रतिशत मतदान किया.

रोहतास डीएम धर्मेंद्र कुमार और एसपी आशीष भारती सुबह से ही दोनों प्रखंडों के कई मतदान केंद्रों पर पहुंच कर निरीक्षण किया. डीएम ने कैमूर पहाड़ी पर पहुंचकर सभी मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया. जहां मतदाताओं से बातचीत की. उनकी समस्याओं को जाना. पूछा कि कोई मतदान करने पर गुमराह तो नहीं कर रहा है. एसपी ने नौहट्टा प्रखंड के पहाड़ी क्षेत्र चुटिया समेत कई मतदान केंद्रों पर पहुंचकर निरीक्षण किया. इस दौरान डेहरी एसडीएम समीर सौरभ एवं एएसपी नवजोत सिमी भी मौजूद रही.

पहाड़ी पर मतदान को लेकर अर्द्धसैनिक बलों के साथ भारी संख्या में पुलिस जवानों को तैनात किया गया था. महिला पुलिसकर्मियों के चार दस्ता को भी पहाड़ी पर तैनात किया गया था. पूरे क्षेत्र की नाकाबंदी कर बाइक पेट्रोलिंग टीम का गठन किया गया था. पहाड़ी पर मतदान केद्रों पर एएसपी अभियान ओंकार नाथ एवं एसएसबी के कमांडेट अभिषेक खुद मौजूद रहे.

विदित हो कि नक्सल प्रभावित होने के चलते पूर्व में रोहतास प्रखंड के रोहतासगढ़ पंचायत के पहाड़ी पर बसे गांव एवं नौहट्टा प्रखंड के पहाड़ी पर बसे पीपरडीह पंचायत के मतदान केंद्रों को मैदानी इलाके में स्थानांरित कर दिया जाता था. लेकिन इस बार पहाड़ी गांव में ही मतदान कराए जाने से लोगों में काफी उत्साह दिखा. इससे मतदान का प्रतिशत भी बढ़ गया. ग्रामीणों ने बताया कि मैदानी इलाके में चुनाव कराए जाने पर 30 से 35 फीसद ही मतदान हो पता था. इस बार 75 फीसद से भी अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.

जानकर बताते है कि कैमूर पहाड़ी पर 2001 में नक्सलियों के आतंक के बाद भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वास्तविक मतदान केंद्र रेहल, सोली, पीपरडीह, चुनहट्टा में मतदान कराए गए थे. 15 फरवरी 2002 को रेहल में नक्सलियों ने डीएफओ संजय सिंह की हत्या कर दी थी. इसके सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने पहाड़ी गांव के सभी मतदान केंद्रों को मैदानी इलाकों में स्थानांरित कर दिया था. लेकिन इस बार वनवासियों के जीद के बाद प्रशासन झुक गयी तथा बूथ को पहाड़ पर ही रखा.

नौहट्टा प्रखंड के पहाड़ी गांव के सभी दस मतदान केंद्रों को पहाड़ी पर बसे रेहल गांव में पंचायत सरकार भवन रेहल एवं राजकीय मध्य विद्यालय रेहल में स्थापित किया गया. जबकि रोहतासगढ़ पंचायत के पहाड़ी गांव के आठ मतदान केंद्रों को पहाड़ी पर बसे धनसा में बनाया गया. इसके बाद भी कुछ मतदाता करीब 4 से 5 पैदल चलकर उत्साह के साथ मतदान केंद्र पर पहुंचे. पहाड़ी पर ही मतदात केंद्र होने से मतदाताओं में काफी खुशी का माहौल दिखा.

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