जिला मुख्यालय सासाराम स्थित कलेक्ट्रेट के डीआरडीए सभा भवन में मंगलवार को जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति व जिला स्तरीय समीक्षा समिति की बैठक डीडीसी शेखर आनंद की अध्यक्षता में हुई. जिला स्तरीय बैंकर्स की बैठक में बैंकों के कामकाज के तीन माह की समीक्षा की गई. जिला अग्रणी बैंक के प्रबंधक विभाकर झा ने जिले में कार्यरत सभी बैंकों के जून तिमाही के ब्यौरे को रखा.
जिले में पांच बैंक कर्ज देने में पीछे हैं. इनका सीडी रेशियो जमा-ऋण अनुपात औसत से काफी खराब है. इन पांच बैंकों में आईडीबीआई, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया एवं इंडीयन ओवरसिज बैंक शामिल हैं. डीडीसी ने इन सभी पांच बैंकों के कामकाज पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि ये सभी बैंक अपने सीडी रेशियो जमा-ऋण अनुपात को 40 प्रतिशत से ऊपर लाएं.
डीडीसी द्वारा जिले में केसीसी, कृषि एवं कृषि आधारित मत्स्य पालन, गाय, मुर्गी पालन, पीएमइजीपी, मुद्रा लोन से जुड़े योजनाओं की समीक्षा की गई. डीडीसी ने सभी बैंकों को निर्देश दिया कि कृषि एवं सुक्ष्म लघु उद्योग क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा कर्ज उपलब्ध कराने को कहा. बैंकों का अपना सीडी रेशियो जमा-ऋण अनुपात ठीक करने को कहा गया.
डीडीसी ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतगर्त बैंको द्वारा किये गए स्वीकृत ऋण को जल्द से जल्द वितरण करने तथा जिले में प्रधानमंत्री शुक्ष्म खाद्य उधोग उन्नयन योजना के अंतगर्त जो भी आवेदन लंबित है उसे जल्द से जल्द स्वीकृत एवं वितरित करने का निर्देश दिया. डीडीसी ने बड़े बकायेदारों से ऋण वसूली के लिए हर संभव प्रशासनिक सहयोग देने का भी आश्वासन दिया. बैठक में रिजर्व बैंक के प्रतिनिधि संदीप कुमार एवं उप समाहर्ता बैंकिंग खुशबू पटेल एवं सभी बैंकों के वरीय प्रबंधक मौजूद थे.