दिव्यांगता जीवन का अभिशाप नहीं बन सकता है. जेईई एडवांस के शुक्रवार को आए रिजल्ट में रोहतास जिले के कोचस प्रखंड के तेतरी गांव के दिव्यांग छा़त्र गौतम ने सफलता हासिल कर सिद्ध कर दिया है कि कड़ी मेहनत ही सफलता की कुंजी है. गौतम ने बिना किसी कोचिंग के सेल्फ स्टडी के गांव में ही तैयारी कर यह सफलता पाई है. अपनी तैयारी के दौरान वे कोचस और सासाराम में भी रहे. गौतम ने प्लस टू भी बिहार बोर्ड से जिले के एसएन महाविद्यालय खैरा से पढ़कर प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया था. विपरित परिस्थियों में गौतम की यह सफलता बड़ी मानी जा रही है.
गौतम ने समान्य पीडब्लूडी में पूरे देश में 55वां स्थान प्राप्त किया है, जबकि ओबीसी-एनसीएल-पीडब्लूडी में पूरे देश में 21वां स्थान प्राप्त किया है. गौतम के चाचा राधेश्याम सिंह बताते हैं कि वह जन्म से ही पॉलीडैक्टली डिसऑर्डर से ग्रसित हैं. पॉलीडैक्टली डिसऑर्डर में व्यक्ति के हाथों में छह उंगलियां होती हैं. गौतम के दोनों हाथों में छह-छह उंगलियां हैं. उन्होंने बताया कि पॉलीडैक्टली डिसऑर्डर के कारण उन्हें लिखने में कठिनाई होती है, परंतु वे अपनी सफलता में बाधा नहीं बनने दिए. जेईई एडवांस का रिजल्ट आने के बाद तेतरी में खुशी का माहौल व्याप्त है. माता-पिता और गांव के लोगों ने मिठाईयां खिलाकर गौतम की सफलता पर गर्व महसूस कर रहे है.