बदलते मौसम में लोग ज्यादा बीमार पड़ रहे हैं. वहीं स्वास्थ्य सेवा सभी लोगों तक पहुंचाने के लिए जिलाधिकारी धमेंद्र कुमार भी दिन रात लगे हुए है. स्वास्थ्य विभाग के कार्यशैली को लेकर डीएम खुद ही निरीक्षण कर रहे है और टीम बनाकर निरीक्षण करा रहे हैं. इसी क्रम में डीएम ने टीम बनाकर मंगलवार देर रात जिले के सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का संबंधित बीडीओ एवं अनुमंडल अस्पताल बिक्रमगंज व डिहरी का अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा औचक निरीक्षण कराया गया.
जांच टीम के निरीक्षण के बाद डीएम ने अनुपस्थित चिकित्सक व कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एक सप्ताह के अंदर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. डीपीआरओ प्रवीण चंदन ने बताया कि देर रात औचक निरीक्षण में पीएचसी राजपुर में चिकित्सकों का रोस्टर नहीं पाया गया तथा बीएचएम संदीप कुमार एवं बीसीएम मुकेश कुमार अनुपस्थित पाये गये. पीएचसी तिलौथू में रोस्टर के अनुसार चिकित्सक एवं एएनएम अकार्यरत पाये गये. पीएचसी सूर्यपूरा में आवश्यक दवाईयों से संबंधित विवरणी उपलब्ध नहीं पायी गई.
पीएचसी राजपुर, दावथ, रोहतास एवं नौहट्टा में साफ-सफाई की व्यवस्था असंतोषप्रद पायी गई. सीएचसी काराकाट में बीएचएम कौशलेन्द्र कुमार अनुपस्थित पाये गए. जिसपर डीएम ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि अनुपस्थित चिकित्सकों एवं कर्मियों से कारण पृच्छा करने के साथ-साथ प्राप्त जांच प्रतिवेदन पर आवश्यक कार्रवाई करते हुए सात दिनों के अंदर प्रतिवेदन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. वहीं, बुधवार को डीएम धर्मेन्द्र कुमार ने स्वयं सदर अस्पताल स्थित जिला कार्यक्रम प्रबंधक कार्यालय एवं सिविल सर्जन कार्यालय का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान डीएम सफाई व्यवस्था को देख कर भड़क गए और चिकित्सा पदाधिकारी को फटकार लगाते हुए व्यवस्थित एवं साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित कराये जाने का निर्देश दिया.
निरीक्षण के क्रम में डीएम द्वारा जिला कार्यक्रम प्रबंधक से गत जुलाई माह में जिले सभी चिकित्सा केंद्रों के चिकित्सकों का भ्रमण कार्यक्रम एवं उनके द्वारा किए गए कार्य से संबंधित विस्तृत प्रतिवेदन की मांग की गई. गत जुलाई माह में जिले के सभी चिकित्सकों द्वारा ओपीडी के तहत किए गये मरीजों की जांच की समीक्षा की गई. इस संबंध में शून्य ओपीडी वाले चिकित्सकों से कारण पृच्छा करते हुए उनके वेतन निकासी पर रोक लगाई गयी. इसके साथ-साथ 100 से कम ओपीडी वाले 28 चिकित्सकों से कारण पृच्छा की गई.
समीक्षा के क्रम में जिला कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा बताया गया कि एमएनई अविनाश श्रीवास्तव का कार्य असंतोषप्रद है. इस संबंध में डीएम द्वारा उन्हें अविलंब हटाये जाने का निर्देश दिया गया. समीक्षा के क्रम में जिले के चार चिकित्सक अनाधिकृत एवं लंबे समय से अनुपस्थित पाये गए. इस संबंध में जिला कार्यक्रम प्रबंधक को निर्देश दिया गया कि अंतिम अवसर के तौर पर अतिरिक्त एक सप्ताह का समय दिया जाए तदोपरांत उनके निलंबन का प्रस्ताव विभाग को भेजना सुनिश्चित करें.