दहेज न मिलने पर पिता ने शादी से इंकार किया तो झारखंड से रोहतास पहुंचा दूल्हा, मंदिर में दुल्हन संग लिए सात फेरे; स्थानीय लोग बने बाराती

समाज में दहेज की प्रथा आज भी नासूर बनी हुई. झारखंड के एक ​युवक के पिता ने मुंहमांगा दहेज न मिलने पर रिश्ता तोड़ दिया था. मगर युवक को यह बात ठीक नहीं लगी. वह आहत हुआ और खुद झारखंड से रोहतास पहुंचा, जहां मिसाल पेश करते हुए लड़की के संग रीति-रिवाज से दहेज रहित शादी कर ली. इसमें कन्या पक्ष की भी सहमति रही. यह प्रेरक विवाह स्थानीय सरपंच व अन्य जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में सम्पन्न हुआ.

मामला रोहतास जिले के नौहट्टा प्रखंड का है. जहां चौधरी मुहल्ला निवासी भीखू चौधरी ने दो वर्ष पूर्व अपनी पुत्री प्रतिमा की शादी झारखंड के देवरी कला हुसैनाबाद में राजाराम चौधरी के पुत्र पंकज कुमार चौधरी से तय की थी. इस बीच दहेज नहीं मिलने के चलते पंकज के पिता ने शादी करने से इंकार कर दिया. पंकज को यह नागवार गुजरा और वह स्वयं अपने ससुराल नौहट्टा पहुंच गया और लड़की के परिजनों के समक्ष शादी का प्रस्ताव रखा. अपनी इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि मुझे दहेज नहीं चाहिए.

कन्या के पिता ने मामले को स्थानीय ग्राम कचहरी के सरपंच प्रभा देवी के समक्ष रखा. वहां सरपंच सहित पंच व जनप्रतिनिधियों ने आपस में राय-मशविरा कर स्थानीय मोहर घाट स्थित शिव मंदिर में विवाह संपन्न कराया. दूल्हा-दुल्हन ने स्थानीय लोगों की मौजूदगी में सात फेरे लिए. पंकज ने कहा कि वह बगैर किसी दबाव में अपनी स्वेच्छा से यह विवाह कर रहे हैं. लोगों ने कहा कि अभी भी समाज में कुरीतियां हैं, विवाह दो परिवारों का मिलन संस्कार है, लेकिन अभी भी लोग दहेज को लेकर रिश्ता तोड़ देते हैं, जो गलत है.

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