रोहतास जिले के बिक्रमगंज में करीब पांच साल पहले हुई हत्या के एक मामले में सासाराम न्यायालय के अपर जिला जज तीन की विशेष एमएलए-एमपी की अदालत ने बिक्रमगंज के पूर्व विधायक सूरजदेव सिंह व उनकी पत्नी कुसुम देवी को दोषी करार दिया. मामले में विशेष अदालत ने बुधवार को विधायक दंपती को उम्रकैद की सजा सुनाई. साथ ही उन पर 60-60 हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया है.
उक्त मामले के अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता अपर लोक अभियोजक लक्ष्मण सिंह ने बताया कि इस मामले की प्राथमिकी आरोपी विधायक सूर्यदेव सिंह के भतीजा तेंदुनी वार्ड संख्या दो निवासी मुन्ना कुमार ने बिक्रमगंज थाना में दर्ज कराई थी. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार उक्त घटना पांच साल पूर्व 2 अप्रैल 2017 को बिक्रमगंज थाना क्षेत्र के वार्ड संख्या दो में घटी थी. जहां पूर्व के भूमि विवाद को लेकर पूर्व विधायक सूर्यदेव सिंह ने अपनी पत्नी कुसुम देवी के ललकारने पर अपने सहयोगियों के साथ हथियार से लैस होकर दिन के ग्यारह बजे अपने भतीजा एवं उनके परिवार जनों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी.
इस घटना में सूचक के भाई सहित सात लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिसमें एक घायल साहेला खातून की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी. इसी मामले में सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए एडीजे-3 सह विशेष न्यायाधीश जनप्रतिनिधि राजेश कुमार बच्चन की अदालत ने मामले में दोषी पाए गए बिक्रमगंज के पूर्व विधायक सूर्यदेव सिंह एवं उनकी पत्नी कुसुम देवी को 60-60 हजार रुपये अर्थदंड सहित आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
कोर्ट ने उक्त मामले मे अन्य पांच नामजद अभियुक्तों बिट्टू सिंह, सत्यनारायण सिंह, संजय सिंह, त्रिशूलधारी एवं राधा किशुन दूबे को साक्ष्य के अभाव में रिहा करने का आदेश जारी किया है. जबकि अभियुक्त राधा किशन दूबे की ट्रायल के दौरान ही मृत्यु हो गई थी. विदित हो कि सूर्यदेव सिंह बिक्रमगंज विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक चुने गए थे. सबसे पहले वे 1990 में सीपीआई माले के टिकट पर विधायक बने थे. इसके बाद दूसरी बार 1995 में जनता दल से चुनाव जीते थे.