जदयू की ओर से सूबे के सभी अनुमंडलों में भीम संवाद का आयोजन किया जा रहा है. इसी संवाद में बुधवार को रोहतास जिले के बिक्रमगंज अनुमंडल के मलियाबाग, सेमरी, नटवार खुर्द, खनिता दलित टोला एवं कुछिला में भीम संवाद का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी मौजूद थे. मौके पर अशोक चौधरी ने लोगों से मुलाकात की और जदयू के भीम संवाद के उद्देश्य की जानकारी दी. संवाद में शामिल नेताओं ने अनुसूचित जाति के लिए बिहार सरकार द्वारा उठाए गए कदम व उपलब्धियों का बखान किया।
अशोक चौधरी ने कहा कि संविधान में समानता का अधिकार दिया गया, लेकिन आजादी के लंबे समय बाद भी समानता दी नहीं गई, पंचायतों के चुनाव में आरक्षण नहीं मिला. कहा कि नीतीश कुमार ने इस प्रदेश में एससी, एसटी के साथ अति पिछड़ों, महिलाओं को आरक्षण देने का काम किया है. कुछ महत्वाकांक्षी राजनीतिक दल के लोग आरक्षण खत्म करना चाहते हैं, लेकिन जदयू किसी भी स्थिति में आरक्षण को खत्म करने नहीं देगी. भीम संसद तो एक शुरुआत है, ये लड़ाई लंबी चलेगी.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश सरकार ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति के उत्थान हेतु कई कल्याणकारी कार्य किए हैं. इससे बाबा साहेब आंबेडकर का सपना साकार हो रहा है. नीतीश कुमार बाबा साहेब अंबेडकर के सपनों को साकार करने में जुटे हुए हैं. 60 सालों में पूरे देश में किसी ने इतना काम दलितों के लिए नहीं किया जितना काम 17 सालों में नीतीश कुमार ने कर दिया. मौके पर अल्पसंख्यक मंत्री जमा खान, जदयू नेता अलोक सिंह, जदयू जिला अध्यक्ष अजय कुशवाहा एवं पार्टी के कार्यकर्ता भी मौजूद थे.
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के 19 प्रतिशत दलितों में अपनी पैठ बनाने की मुहिम में जुट गए हैं. अब वे नए सिरे से इन तक अपनी पहुंच बना रहे हैं. दलितों को वे मैसेज देना चाहते हैं कि राज्य में उनके सबसे बड़े हितैषी वही हैं. नीतीश कुमार के इस सियासी चाल का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जीतन राम मांझी के एनडीए में जाने के 24 घंटे के भीतर रत्नेश सदा को मंत्री बना दिया. अब दलितों तक पहुंचने के लिए जेडीयू मेगा इवेंट आयोजित कर रही है. पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में पार्टी की तरफ से 5 नवंबर को भीम संसद का आयोजन किया जा रहा है. इसका नेतृत्व नीतीश के करीबी मंत्री और दलित नेता अशोक चौधरी कर रहे हैं. अशोक चौधरी की मानें तो इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नीतीश कुमार की योजनाओं को दलितों तक पहुंचाना है.