रोहतास जिला न्यायालय में मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने तिलौथू बाजार में दस वर्षीय नाबालिग बच्ची से हुए रेप के मामले में आठ वर्ष बाद सजा सुनाई है. नाबालिग से रेप मामले में महमूद आलम नाम के आरोपी को दोषी करार दिया है. सासाराम व्यवहार नयायालय के एडीजे सात सह विशेष न्यायाधीश नीरज बिहारी लाल की कोर्ट ने मंगलवार को अभियुक्त को आजीवन की सजा सुनाई है.
कोर्ट ने 58 वर्षीय अभियुक्त और इस्लामिया कमिटी के सेक्रेटरी महमूद आलम को पचास हजार रुपए के अर्थदंड सहित आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावे कोर्ट ने अपने आदेश में पीड़िता को जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव द्वारा पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत चार लाख रुपए की राशि दिलाने का आदेश जारी किया है.
मामले में अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक हीरा प्रताप सिंह ने बताया कि उक्त घटना आठ वर्ष पूर्व 6 अप्रैल 2014 को घटी थी. नाबालिग के चाचा 4 अप्रैल 2014 को अपनी बेटी की डिलीवरी कराने उक्त नाबालिग और पड़ोसी अभियुक्त को अपनी मदद के लिए अपने साथ वाराणसी में अस्पताल ले गए थे.
सूचक के अपनी बेटी के इलाज में व्यस्तता का लाभ उठाते हुए अभियुक्त ने 6 अप्रैल 2014 को नाबालिग को बेहोशी की दवा खिलाकर अस्पताल के बाहर ले जाकर जबरन उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. उसी दिन वापस तिलौथू लौटने पर नाबालिग ने घटना के बारे में अपने परिजनों को बताया था. जिसके बाद तिलौथू थाना में नाबालिग के चाचा के लिखित आवेदन के आधार पर अभियुक्त के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी.