रोहतास डीएम धर्मेन्द्र कुमार ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दिनारा की सात आशा कार्यकर्ताओं को चयनमुक्त कर दिया. डीएम के इस कार्रवाई से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. सिविल सर्जन की अनुशंसा पर डीएम द्वारा यह कार्रवाई की गई है. विगत एक वर्ष से अधिक समय से स्वास्थ्य के क्षेत्र में भूमिका निर्वहन नहीं करना इन आशा कार्यकर्ताओं पर भारी पड़ी है.
डीएम द्वारा सभी प्रखंडों के चिकित्सा पदाधिकारी को यह निर्देश दिया गया है कि उनके क्षेत्राधीन कार्यरत वैसे आशा कार्यकर्ताओं, हेल्थ वर्कर्स जो या तो अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाह हैं या अपने क्षेत्र में किसी गैरकानूनी कार्य में संलिप्त हैं, उनकी सूची तैयार कर आगामी 14 दिनों में डीएम को सिविल सर्जन के माध्यम से समर्पित करना सुनिश्चित करें. डीएम ने स्पष्ट किया कि जिले के सुदूरवर्ती तथा ग्रामीण क्षेत्रों में निर्धन एवं वंचित वर्गों को उनके निकटतम स्थल पर चिकित्सीय एवं उपचार की सुविधाएं सतत रूप से उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन पूरी तरह संकल्पित है. भविष्य में भी लापरवाह एवं शिथिलकर्मियों पर लगातार अनुशासनात्मक कार्रवाई जारी रहेगी.
इसके अलावे डीएम के निर्देश पर सासाराम अनुमंडल पदाधिकारी मनोज कुमार ने मंगलवार को कोचस के रेड़िया पंचायत के तीन जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. निर्धारित मात्रा से कम अनाज देने एवं विभागीय निर्देशों के अनुकूल अनाज वितरण ना करने पर यह कार्रवाई की गई है. जिन पीडीएस दुकानदारों के लाइसेंस रद्द किए गए है उनमें गुप्तनाथ सिंह, नीरज कुमार एवं ओप प्रकाश कुमार शामिल है.
डीपीआरओ सत्यप्रिय कुमार ने बताया कि कोचस के रेडिया पंचायत में रात्रि विश्राम शिविर के दौरान जांच इन तीनों पीडीएस दुकानों में अनियमितता पाई गई थी, जिसके बाद उक्त पीडीएस दुकानदारों से स्पष्टीकरण की मांग की गई थी. उक्त पीडीएस दुकानदारों द्वारा उपलब्ध कराए गए स्पष्टीकरण एवं साक्ष्य असंतोषजनक पाए जाने पर इन तीनों दुकानदारों का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई है. उन्होंने बताया कि सासाराम व चेनारी प्रखंड में भी जिलास्तरीय जांच दल द्वारा जांच की गई थी. जांच के बाद कुछ पीडीएस दुकानदारों के विरुद्ध शिकायतें मिली है, उनके विरुद्ध भी स्पष्टीकरण किया गया है.