रोहतास जिले के चेनारी थानाध्यक्ष व बघैला थानाध्यक्ष के अलग-अलग मामले में लगे आरोप के बीच शनिवार को एसपी विनीत कुमार ने चेनारी थानाध्यक्ष शंभू कुमार एवं बघैला थानाध्यक्ष नेहा कुमारी को निलंबित करते हुए पुलिस केंद्र वापस भेज दिया है. एसपी की इस कार्रवाई से अन्य पुलिस कर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है.
बताते हैं कि चेनारी क्षेत्र में काला हिरण शिकार मामले में आरोपियों पर कार्रवाई नहीं करने और उन्हें पकड़ने के बाद भी पीआर बॉन्ड पर छोड़ दिए जाने के मामले में चेनारी के थानाध्यक्ष शंभू कुमार को निलंबित कर पुलिस केंद्र वापस बुला लिया गया. यह कार्रवाई सासाराम के एसडीपीओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है. थानाध्यक्ष समेत सात लोगों पर उल्हो के वन परिसर पदाधिकारी अमित कुमार ने मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.
एसपी विनीत कुमार ने कहा कि एसपी ने कहा कि एसडीपीओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर चेनारी थानाध्यक्ष को निलंबित कर पुलिस केंद्र भेज दिया गया है. उन्होंने कहा कि चेनारी मामले में एसडीपीओ सासाराम के द्वारा प्रारंभिक जांच के क्रम में कतिपय प्रक्रियागत त्रुटियां परिलक्षित हुई है. इसके उपरांत विस्तृत जांच के लिए विभागीय कार्रवाई की जा रही है, जिसमें आरोप गठन के बाद हरेक बिंदु पर जांच प्राधिकार के स्तर पर परीक्षण किया जाना है. कहा कि विस्तृत जांच रिपोर्ट जल्द ही साझा किया जाएगा.
वहीं, शराब बरामदगी के मामले में समय पर आरोप पत्र दाखिल नहीं करने के कारण बघैला थानाध्यक्ष नेहा कुमार पर कार्रवाई की गई है. एसपी ने बताया कि शराब के मामले में समय पर आरोप पत्र दाखिल नहीं करने के कारण न्यायालय की रिपोर्ट पर एसएचओ बघैला नेहा कुमारी को निलंबित करते हुए पुलिस केंद्र वापस किया गया है.
बताते हैं कि तीन साल पहले काराकाट थाना क्षेत्र के चांदी गांव से एक ट्रक 10 हजार लीटर शराब बरामद किया गया था. काराकाट थाना में मामला दर्ज किया गया था. मामले में पटना निवासी सुनिल कुमार समेत अन्य की गिरफ्तारी हुई थी. बीते दिनों अभियुक्त सुनील कुमार को जमानत मिल गई. केस की अनुसंधानकर्ता नेहा कुमारी के 60 दिन के अंदर में डायरी और आरोप पत्र दाखिल नहीं करने कारण न्यायालय द्वारा जमानत दे दी गई थी. अब कोर्ट के रिपोर्ट के आधार पर एसपी ने बघैला थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया है.