नोखा शहर में गुरुवार को कलश यात्रा के साथ नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ किया गया. इस दौरान गाजे-बाजे के साथ कलश यात्रा निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. यात्रा में सबसे ज्यादा भागीदारी महिलाओं की रही. श्रद्धालु कलश लेकर वार्ड नंबर 22 स्थित गायत्री मंदिर से पैदल चल बाजार होते हुए नोखा डग पर पहुंचे. यहां जलभरी की और पुनः नगर का भ्रमण करते हुए यज्ञमंडप तक पहुंचे. वैदिक मंत्रोच्चार के बीच श्रद्धालुओं ने यज्ञमंडप में कलश को स्थापित किया.
इसका संचालन राकेश कुमार शर्मा ने किया. आयोजनकर्ता सुरेंद्र प्रसाद, राजेंद्र प्रसाद, डॉ सुनील कुमार सिन्हा ने बताया कि शाम में संगीतमय प्रवचन कार्यक्रम चलेगा. महायज्ञ का समापन 23 अप्रैल को होगा. जिसमें 9 कुंड बनाए गए है. हवन पूजन के बाद प्रसाद का वितरण लंगर में किया जाएगा.
शांतिकुंज हरिद्वार से आए विद्वानों ने बताया कि यज्ञ के माध्यम से पर्यावरण का शुद्धिकरण और मनुष्य में देवत्व का एवं धरती पर स्वर्ग का अवतरण होता है. आज लोग के विचार दूषित होते जा रहे है. विचार बदलेगा, तभी जग बदलेगा. इसलिए विचारों की शुद्धि जरूरी है. विचारों की शुद्धि एवं संस्कारवान पीढ़ी के लिए इस तरह का यज्ञ एक सशक्त माध्यम है. मौके पर मंटू केसरी, भरत राम, अभिषेक कुमार सिंह, गोलू बाबा, अनिल कुमार, मंटू कुमार यादव, रविशंकर सिह, रंजीत कुमार विश्कर्मा, पंकज कुमार सहित कई लोग मौजूद रहे.