सासाराम के सांसद ने एसडीपीओ को हटाने के लिए सीएम को लिखा पत्र

भाजपा सांसद छेदी पासवान ने सासाराम एसडीपीओ पर गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. पत्र में एसडीपीओ द्वारा की गई कदाचारपूर्ण पर्यवेक्षण की जांच व उनके तबादले की मांग की गई है. साथ ही जिला मुख्यालय सासाराम में आईपीएस की तैनाती की मांग की गई है. सांसद छेदी पासवान ने पत्र में कहा है कि सासाराम अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी विनोद कुमार रावत ने चार माह पूर्व सासाराम अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी का प्रभार ग्रहण किए थे.

इस दौरान वे कदाचारपूर्ण पर्यवेक्षण कर अपराधियों को लाभ पहुंचाने का काम किए. जिस पर वरीय पुलिस पदाधिकारी ने इनके पर्यवेक्षक पर रोक लगायी गई. इनके विभिन्न पर्यवेक्षणों की जांच हो रही है. इसी बीच कुछ माह बाद स्थायी पदास्थापन कराकर अपराधियों को लाभ पहुंचाने का घिनौना काम बेधड़क कर रहे हैं. जिसके कारण सासाराम शहर में अपराधियों द्वारा दिनदहाड़े बेख़ौफ़ हत्याओं का दौर जारी है.

उन्होंने पत्र में कहा है कि कदाचार और अधमता के बावजूद इनके अभिरुचि के अनुसार इसी स्थान पर पर पदस्थापन लोक प्रशासन की कार्यशैली को संदेह के घेरे में डालता है. उनके कदाचार व अक्षमता से संबंधित कई वीडियो फुटेज भी दिखाया गया है. सांसद ने‎ सीएम से संज्ञान लेते हुए बीके‎ रावत की जगह किसी आईपीएस पुलिस अधिकारी को‎ भेजने की मांग की है. कहा कि पास में डेहरी में तीन आईपीएस हैं. जिला मुख्यालय सासाराम में पूर्व में प्राय: आईपीएस की पोस्टिंग होता रहा है. उन्होंने पत्र में यह भी कहा है कि इस पद पर संदिग्ध चरित्र का दरोगा से प्रोन्नत डीएसपी को लगाना विधि व्यवस्था के प्रति उपेक्षा एवं असंवेदनशीलता का घोतक है.

बता दें कि पिछले दिन से‎ बीके रावत के खिलाफ एक कथित ऑडियो भी वायरल हो रहा‎ है. उसमें एक युवती के साथ बातचीत का लगभग सवा दो मिनट का अंश‎ है. जिसमें उसे बनारस ले जाने साथ में उसकी मां को भी ले जाने सहित‎ कई बिंदुओं पर बातचीत सुनी जा रही है. जिसमें कुद शब्द संदेहास्पद भी‎ हैं. जो आम तौर पर सामान्य महिलाओं के साथ बातचीत नहीं होती है. हालांकि यह मामला जांच का है कि आखिर इस वायरल ऑडियों में किसकी आवाज है. हम इस वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करते है.


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