सासाराम शहर में बुधवार की रात अधिकारियों के साथ डीएम धर्मेंद्र कुमार अचानक सड़क पर निकल गरीब व असहाय लोगों का हाल जानने लगे. इसके साथ ही विभिन्न जगहों पर ठंढ में ठिठुर रहे लोगों के बीच कंबल वितरित किया. इस दौरान डीडीसी शेखर आनंद, डीएफओ मनीष कुमार वर्मा, एडीएम चंद्रशेखर प्रसाद सिंह, एसडीएम मनोज कुमार समेत कई अधिकारी मौजूद थे.
डीएम जैसे ही अपने रात्रि भ्रमण के दौरान रेलवे स्टेशन के बाहरी हिस्से स्थित बरामदे में पहुंचे तो वहां सो रहे मुसाफिर पासवान व उनकी पत्नी से यहां सोने का वजह पूछा. इस दौरान दंपती ने बताया कि वे अत्यंत गरीब हैं तथा पैरालाइसिस की वजह से मुसाफिर दिव्यांग हो गए हैं. इलाज के लिए उनके पास पर्याप्त पैसे भी नहीं होने की वजह से भीख मांग कर भोजन व दवा का बंदोबस्त करते हैं. इसपर डीएम ने उनसे पूछा की क्या उन्हे आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. इसपर दंपती ने इसके बारे में अनभिज्ञ जताई.
डीएम ने तत्काल दोनों को रैन बसेरे में शिफ्ट करने तथा सुबह समाहरणालय लाकर उन्हें इस योजना से जोड़ने का निर्देश सदर सीओ को दिया. इसके बाद उन्हें ठहरने के लिए रैन बसेरे में भेजा गया. वहीं पर एक बुजुर्ग महिला ने अपने नेत्रहीन पति के बारे में बताया. जिसे डीएम ने सुबह में अपने कार्यालय में सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए बुलाया.
गुरुवार को नेत्रहीन शख्स अपनी पत्नी के साथ डीएम कार्यालय पहुंचा. जहां डीएम ने बुजुर्ग को आर्थिक मदद के साथ सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण से जुड़े सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाया. डीएम ने कहा कि नेत्रहीन बुजुर्ग संगीतकार भी है. इनको 26 जनवरी के संध्या में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में संगीत प्रस्तुत करने को मौका दिया गया है.