स्कूली बच्चों को प्रकृति से जोड़ने और प्रकृति को बेहतर रूप से समझने के लिए रोहतास वन प्रमंडल का प्रकृति का पाठशाला मंगलवार को फिर से शुरू हो गया. मंगलवार को इस पाठशाला के तहत मां तुतला धाम इको पर्यटन स्थल में स्थित वन विभाग के पौधशाला में स्थानीय विद्यालयों के बच्चों को डीएफओ प्रद्युमन गौरव ने प्रकृति के महत्व के बारे में बताया. डीएफओ ने कहा कि अब प्रत्येक गुरुवार को तुतला भवानी स्थित पौधशाला में प्रकृति की पाठशाला के तहत कार्यक्रम होगा, जिसमें डेहरी अनुमंडल क्षेत्र के तमाम विद्यालयों के बच्चों को प्रकृति से जुड़ने और प्रकृति के महत्व के बारे में बताया जाएगा.
मंगलवार को पौधशाला में जयनगरा गांव के शिशु संस्कार केंद्र के सैकड़ों बच्चों ने शामिल होकर प्रकृति से जुड़ने व पौधों की हिफाजत करने तथा जीव जंतुओं की संरक्षण करने संबंधी बातें सीखी. डीएफओ ने पाठशाला में छात्रों को पौधा रोपने से संबंधित बारीकियां बताई. उन्होंने छात्रों को बताया कि नर्सरी क्या है. पौधे से संबंधित बेसिक जानकारियां भी बताया गया. कैसे प्लाट, बेड व पालीबैग तैयार किये जाते हैं. उन्होंने छात्रों को बताया कि प्रकृति के लिए बरगद, पीपल, पाकड़, गूलर के पौधे आवश्यक हैं. उन्होंने प्रकृति में कीट-पंक्षी का महत्व, पोखर-तालाब का संरक्षण से लेकर प्रकृति से जुड़ी कई जानकरियां बताई. छात्र डीएफओ से बेझिझक होकर प्रकृति से जुड़ा सवाल भी पूछते नजर आएं.
बता दें कि कोरोना काल से पहले फरवरी 2020 में डीएफओ प्रद्युमन गौरव ने शिवसागर स्थित नर्सरी से प्रकृति की पाठशाला की शुरुआत की थी. इस पाठशाला में रोहतास डीएफओ एवं वन अधिकारी शिक्षक के रूप में मौजूद रहते हैं. पाठशाला में बच्चों को पौधाशाला से संबंधित जानकारियां, प्रकृति में कीट-पंक्षी का महत्व, पोखर-तालाब का संरक्षण से लेकर प्रकृति से जुड़ी कई जानकरियां बतायी जाती है. वन अधिकारी एवं छात्रों के बीच बायोडोमेस्टिक क्विज भी आयोजित किया जाता है.